क्या विपक्ष ने असंसदीय शब्दों वाली डिक्शनरी पढ़ी ? लोकसभा अध्यक्ष बोले- हमने हटाए गए शब्दों का संकलन जारी किया

Lok Sabha Speaker Om Birla
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था... कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है...

नयी दिल्ली। संसदीय कार्यवाही से कुछ शब्दों को हटाया गया है। जिसको लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ पार्टी पर जमकर हमला बोला है। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ओम बिरला ने कहा कि पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था... कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है...

उन्होंने कहा कि क्या उन्होंने (विपक्ष) 1,100 पन्नों की इस डिक्शनरी (असंसदीय शब्दों को मिलाकर) को पढ़ा है, अगर वे गलतफहमियां नहीं फैलाते...यह 1954...1986, 1992, 1999, 2004, 2009, 2010 में जारी की गई थी। 2010 से सालाना आधार पर रिलीज हो रही है।

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सूची में नया सुझाव नहीं

इस संबंध में सरकारी सूत्रों ने बताया कि असंसदीय शब्दों की सूची कोई नया सुझाव नहीं है बल्कि लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभा की कार्यवाही से निकाले गए शब्दों का संकलन मात्र है। उनके मुताबिक इस सूची में ऐसे शब्द भी शामिल हैं, जिन्हें राष्ट्रमंडल देशों की संसद में भी असंसदीय माना जाता है।

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