'जुमलाजीवी कहना असंसदीय पर आंदोलनजीवी कहना असंसदीय नहीं': संसद में कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी पर बोले राघव चड्ढा

Raghav Chadha
प्रतिरूप फोटो
ANI Image

आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि सरकार ने आदेश निकाला है कि संसद में सांसद कुछ शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते। उन शब्दों की सूची पढ़कर लगता है कि सरकार बखूबी जानती है कि उनके काम को कौन से शब्द परिभाषित करते हैं।

नयी दिल्ली। संसद में माननीय सांसदों द्वारा जुमलाजीवी, तानाशाह, तानाशाही जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर उसे असंसदीय माना जाएगा। संसद के नए नियमों के मुताबिक, इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने पर माननीय सांसद के संबोधन को संसद की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से यह नियम प्रभावी होगा। लोकसभा सचिवालय ने बकायदा एक बुकलेट जारी की है। जिसके में असंसदीय शब्दों का विस्तृत उल्लेख किया है।

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इसी बीच विपक्षी पार्टियों ने असंसदीय शब्दों को लेकर जमकर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि उन शब्दों की सूची पढ़कर लगता है कि सरकार बखूबी जानती है कि उनके काम को कौन से शब्द परिभाषित करते हैं।

आंदोलनजीवी कहना असंसदीय नहीं

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि सरकार ने आदेश निकाला है कि संसद में सांसद कुछ शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते। उन शब्दों की सूची पढ़कर लगता है कि सरकार बखूबी जानती है कि उनके काम को कौन से शब्द परिभाषित करते हैं। जुमलाजीवी कहना असंसदीय हो गया है लेकिन आंदोलनजीवी कहना असंसदीय नहीं हुआ।

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इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि संसद में एक किताब बनती है जिसमें लिखा होता है कि कौन से शब्द असंसदीय हैं और कौन से संसदीय होते हैं। उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) जो शब्द अपने संसदीय जीवन में कहे और बोले हैं वही शब्द हम बोलेंगे और उनको बताएंगे कि उनकी बहस में उन्होंने क्या कहा। उन्होंने कहा कि वे जब खुद कहते हुए आए हैं आज उनको क्यों लग रहा है कि यह शब्द ठीक नहीं है।

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