Jaago Nagrik Jago | Defamation क्या है, इसमें कितनी हो सकती है सजा? समझें Legal Expert से

court hammer
प्रतिरूप फोटो
Creative Commons
अंकित सिंह । Apr 7 2023 3:43PM

मानहानि में आप सिविल और क्रिमिनल केस करवा सकते हैं। मानहानि के लिए यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि जो कथन हो, वह असत्य हो। उसमें कुछ ऐसा कहा गया जिसकी वजह से किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है।

प्रभासाक्षी के विशेष कार्यक्रम जागो नागरिक जागो में इस बार हमने मानहानि मुकदमा क्या है, इसको समझने की कोशिश की। दरअसल, देश में इस वक्त मानहानि का मुद्दा काफी गर्म है। मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से 2 साल की सजा दी गई थी। इसके बाद राहुल गांधी ने इस को चुनौती दी है। मानहानि क्या है, यह कब लागू होता है, इसमें अधिकतम सजा क्या हो सकती है, ऐसे तमाम सवाल है जो हमारे साथ-साथ आपके मन में भी आ रहे होंगे। आज इन्हीं तमाम सवालों को हमने जानने और समझने की कोशिश ककी। हमेशा की तरह जागो नागरिक जागो कार्यक्रम में मौजूद रही वरिष्ठ कानूनी जानकार आकांक्षा सिंह। 

-क्या है मानहानि?

- कानूनी हिसाब से देखें तो किसी व्यक्ति, व्यापार, समूह, धर्म या राष्ट्र की प्रतिष्ठा को हानी पहुंचाने वाला कोई असत्य कथन मानहानि होगा। सरल शब्दों में समझें तो अगर मैं किसी एक व्यक्ति के बारे में किसी तीसरे व्यक्ति के पास जाकर कुछ बोलूं और वह असत्य निकले और उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए तो वह मानहानि होगा।

-किन परिस्थितियों में मानहानि का मुकदमा दर्ज करा सकते हैं, इसके तत्व (elements) क्या है?

- मानहानि में आप सिविल और क्रिमिनल केस करवा सकते हैं। मानहानि के लिए यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि जो कथन हो, वह असत्य हो। उसमें कुछ ऐसा कहा गया जिसकी वजह से किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है। कथन को ऐसे तीसरे के समक्ष बोला गया हो या कहीं छापा गया हो जिसके जरिए कई लोगों ने देखा या पढ़ा हो। इसके साथ ही किसी के प्रति जानबूझकर कुछ बोला गया और इससे उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रही हो तो वह भी मानहानि का दावा कर सकता है। 2 लोगों के आपसी झगड़े को मानहानि में नहीं रखा जाता। दोनों ओर से किसी तीसरे के समक्ष एक दूसरे की प्रतिष्ठा को कम करने की कोशिश होती है, तब वह मानहानि की श्रेणी में आएगा।

-मानहानी साबित कैसे होती है?

- सिविल मानहानि हो या क्रिमिनल मानहानि हो, दोनों ही मामलों में आपको सबूत पेश करने होंगे कि यह शब्द बोले या लिखे गए थे। साथ ही साथ वह बातें आपके अलावा कई अन्य लोगों ने सुनी हो या फिर पढ़ी हो। सबूत के तौर पर वैसे ही चीजों को ज्यादा मान्यता दी जाती है जिससे यह साफ हो सके कि वाकई समाज में आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। इसमें किसी के जेश्चर, इशारे को भी शामिल किया जा सकता है।

-यह किन लोगों के लिए है? क्या यह आम लोगों पर लागू होता है?

- उन्होंने कहा कि यह आईपीसी के तहत है। इसका मतलब यह है कि जितना मर्डर या चोरी किसी पर लागू होता है और उतना ही मानहानि लागू होता है। प्रतिष्ठा सभी की मानी जाती है। हां, यह बात कह सकते हैं कि किसी की प्रतिष्ठा ज्यादा होगी, किसी की कम होगी। उन्होंने कहा कि मानहानि का कोई भी मुकदमा दायर कर सकता है। इसके लिए आपको सेलिब्रिटी या नेता होने की जरूरत नहीं है। 

-क्या मृत्य व्यक्ति की भी मानहानि हो सकती है?

बिल्कुल होती हैं। यहां यह देखा जाता है कि अगर वह आदमी जिंदा होता तो क्या उसके प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचती। साथ ही साथ यह भी देखा जाता है कि जो उनके परिवार वाले बचे हुए हैं, उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। 

-क्या किसी संगठन या कंपनी के खिलाफ में मानहानि का मुकदमा दायर हो सकता है?

- बिल्कुल हो सकता है। कंपनी हो या संगठन हो, इन्हें भी इंसानों की तरह ट्रीट किया जाता है। कंपनी के बात करें तो यह भी इंसानों की दर टैक्स जमा करते हैं।

-क्या पति पत्नी के बीच के लड़ाई झगड़े को भी मानहानि की कैटेगरी में रखा गया है?

- पति पत्नी के बीच आपसी झगड़ों में मानहानि का मुकदमा नहीं होता है। अगर पति-पत्नी अपने बच्चों के सामने में लड़ाई कर रहे हैं तो वह भी मानहानि के दायरे में नहीं आएगा। हालांकि, दोनों के बीच तलाक का मामला चल रहा है और दोनों में से किसी ने भी एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर अखबार के जरिए कुछ बातें निकलवा दी जो कि उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हो तो यहां मानहानि का मुकदमा हो सकता है। ज्यादा परिस्थितियों में देखे तो आपसी लड़ाई में मानहानि का मुकदमा नहीं होता है। 

-भारतीय कानून के तहत मानहानि में न्यूनतम और अधिकतम दंड क्या है?

सिविल मामले में देखा जाए तो सजा के तौर पर आपको फाइन का भुगतान करना हो सकता है। लेकिन क्रिमिनल मामले में देखें तो मिनिमम आपको फाइन देना होगा और मैक्सिमम 2 साल की सजा हो सकती है। आप मानहानि का मुकदमा कोर्ट और पुलिस स्टेशन इन दोनों जगह कर सकते हैं। बाकी मामलों की ही तरह कोर्ट में भी इसकी प्रक्रिया चलती है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़