आईएनएक्स मीडिया केस में कैसे आया पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नाम, जानें पूरा घटनाक्रम

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[email protected] । Aug 23 2019 9:08AM

पत्र के अनुसार जांच से पता चलता है कि एएससीपीएल को कुछ अन्य कंपनियों और लोगों से परामर्श शुल्क के रूप में राशि मिली है जिन्हें वित्त मंत्रालय से एफआईपीबी की मंजूरी प्राप्त हुई।

नयी दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितताएं 2016 में उस समय सामने आयी जब प्रवर्तन निदेशालय एयरसेल-मैक्सिस सौदे में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई इसी प्रकार की मंजूरी की जांच कर रहा था। एयरसेल-मैक्सिस सौदा 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन से जुड़ा था और आईएनएक्स मीडिया मामले से मिलता-जुलता था।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एयरसेल-मैक्सिस मामले में एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लि. (एएससीपीएल)नाम की कंपनी की भूमिका की जांच कर रहा था। उसी समय इस कंपनी का नाम वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी प्राप्त इसी प्रकार के एक अन्य सौदे में भी सामने आया। इस कंपनी के बारे में जांचकर्ताओं का दावा है कि इसका नियंत्रण अप्रत्यक्ष रूप से पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम के पास है। 

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हालांकि कार्ती चिदंबरम ने हमेशा एएससीपीएल में किसी प्रकार के नियंत्रण से इनकार किया है। आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस सौदा दोनों मामलों में कथित भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग जांच ईडी और सीबीआई कर रही है। दिसंबर 2016 में ईडी के तत्कालीन संयुक्त निदेशक (मुख्यालय) राजेश्वर सिंह ने सीबीआई के तत्कालीन निदेशक को पत्र लिखकर सूचित किया कि एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में उनके दल की जांच में कुछ नये साक्ष्य मिले हैं। इस पत्र के बाद सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया सौदा मामले में 15 मई 2017 को आपराधिक मामला दर्ज किया उसके तीन दिन बाद ईडी ने सीबीआई प्राथमिकी पर संज्ञान लिया और मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया।

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पत्र के अनुसार जांच से पता चलता है कि एएससीपीएल को कुछ अन्य कंपनियों और लोगों से परामर्श शुल्क के रूप में राशि मिली है जिन्हें वित्त मंत्रालय से एफआईपीबी की मंजूरी प्राप्त हुई। इसमें यह भी कहा गया कि एएससीपीएल के परिसरों से जब्त हार्ड डिस्क से बरामद दस्तावेज से पता चलता है कि एएससीपीएल को 15 जुलाई 2008 की तारीख वाले चेक संख्या 002914 के जरिये 9,96,296 रुपये का भुगतान किया गया। पत्र के अनुसार ईडी ने आईएनएक्स मीडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी के बयानों को रिकार्ड किया जिन्होंने इस प्रकार के भुगतान की बात स्वीकार की। सभी तथ्यों को देखने के बाद यह पता चला कि यह भुगतान एएससीपीएल को किसी सेवा के बदले नहीं बल्कि रिकार्ड से यह पता चला कि चेक जारी होने के बाद आईएनएक्स न्यूज प्राइवेट लि. (आईएनएक्स समूह की कंपनी) को 11 नवंबर 2008 को वित्त मंत्रालय के एफआईपीबी से मंजूरी मिली।

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