क्या है PMLA जिसके तहत हुई अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, क्यों नहीं मिलती आसानी से बेल?

Arvind Kejriwal
Creative Common
अभिनय आकाश । Mar 22 2024 7:23PM

दिल्ली के सीएम को ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।पीएमएलए के तहत जमानत क्यों मुश्किल माना जाता है आइए जानते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी की तरफ से विशेष पीएमएलए अदालत में पूछताछ के लिए उनकी 10 की रिमांड की मांग की गई। यह गिरफ्तारी केजरीवाल द्वारा जांच एजेंसी द्वारा जारी किए गए आठ समन का पालन करने से इनकार करने के बाद हुई है। दिल्ली के सीएम को ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।पीएमएलए के तहत जमानत क्यों मुश्किल माना जाता है आइए जानते हैं। 

इसे भी पढ़ें: केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में क्यों छिड़ गया सोशल वॉर, ननद-भाभी के बीच हुई भिड़ंत

क्या है पीएमएलए कानून

धन शोधन निवारण अधिनियम को 2002 में अधिनियमित किया गया था और इसे 2005 में लागू किया गया। इस कानून का मुख्य उद्देश्य काले धन को सफेद में बदलने की प्रक्रिया (मनी लॉन्ड्रिंग) से लड़ना है। मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना, अवैध गतिविधियों और आर्थिक अपराधों में काले धन के उपयोग को रोकना, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल या उससे प्राप्त संपत्ति को जब्त करना और मनी लॉन्ड्रिंग के जुड़े अन्य प्रकार के संबंधित अपराधों को रोकने का प्रयास करना। 

पीएमएलए की धारा 45

वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें हैं। पहला, अदालत को यह मानना ​​होगा कि आरोपी दोषी नहीं है, और दूसरा, आरोपी का अपराध करने का कोई इरादा नहीं होना चाहिए। जमानत पर रहते हुए. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की शक्तियों को बरकरार रखते हुए और 2018 में पीएमएलए अधिनियम में संशोधन करते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामलों को प्रभावित करता है।

इसे भी पढ़ें: मोदी जी ने सत्ता के अहंकार में 3 बार चुने CM को गिरफ़्तार करवाया, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पहली बार सामने आई पत्‍नी सुनीता

ईडी क्या करती है? 

सबसे पहले आपको बताते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय जिसे अंग्रेजी में इन्फोर्समैन डॉयरेक्टरेट यानी ईडी कहा जाता है भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन विशेष वित्तीय जांच एजेंसी है। ईडी प्रमुख तौर पर फेमा 1999 के उल्लंघन से संबंधित मामलों जैसे हवाला, लेनदेन, फॉरेन एक्सचेंज रैकेटियरिंग के मामलों की जांच करती है। ईडी विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार, विदेशों में संपत्ति की खरीद, भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा के कब्जे से जुड़े मामले में जांच करता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़