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जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता: नरेन्द्र सिंह तोमर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 20:56
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कृषि मंत्री ने कहा कि जब आंदोलन का नाम किसान आंदोलन और विषय किसानों से संबंधित हो तथा सरकार निराकरण करने के लिए सरकार तैयार हो और निर्णय ना हो सके तो अंदाजा लगाया जा सकता है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद शुक्रवार को अफसोस जताया और कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोप लगाया कि कुछ ‘‘ताकतें’’ हैं जो अपने निजी और राजनीतिक हितों के चलते आंदोलन को जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का क्रियान्वयन 12-18 महीनों तक स्थगित रखने और तब तक चर्चा के जरिए समाधान निकालने के लिए समिति बनाए जाने सहित केंद्र सरकार की ओर से अब तक वार्ता के दौरान कई प्रस्ताव दिए गए लेकिन किसान संगठन इन कानूनों को खारिज करने की मांग पर अड़े हैं। पिछली बैठक में सरकार की ओर से किसानों के सामने रखे गए प्रस्ताव को तोमर ने ‘‘बेहतर’’ और देश व किसानों के हित में बताया और यह कहते हुए गेंद किसान संगठनों के पाले में डाल दी कि वे इस पर पुनर्विचार कर केंद्र के समक्ष अपना रुख स्पष्ट करते हैं तो आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता समाप्त होने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा, ‘‘एक से डेढ़ बरस तक कानून को स्थगित रख समिति बनाकर आंदोलन में उठाए गए मुद्दों और पहलुओं पर विचार विमर्श कर सिफारिश देने का प्रस्ताव बेहतर है। उस पर आप विचार करें। यह प्रस्ताव किसानों के हित में भी है। इसलिए हमने कहा, आज वार्ता खत्म करते हैं। आप लोग अगर निर्णय पर पहुंच सकते हैं तो कल अपना मत बताइए। निर्णय घोषित करने के लिए आपकी सूचना पर हम कहीं भी इकट्ठा हो सकते हैं और उस निर्णय को घोषित करने की आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।’’ आज की वार्ता में कोई फैसला ना होने पाने के बावजूद अगली बैठक की तारीख तय नहीं हुई। तोमर ने कहा कि कुछ ‘‘ताकतें’’ हैं जो अपने निजी और राजनीतिक हितों के चलते आंदोलन को जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा किसानों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया और किसानों के सम्मान की बात सोची। इसलिए किसान संगठनों से लगातार बात की जा रही है ताकि उनकी भी प्रतिष्ठा बढ़े और वे किसानों की नुमाइंदगी कर सकें।There are forces that want the agitation to continue and ensuring that no good comes out of it: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on the eleventh round of talks between farmer unions and the government pic.twitter.com/AmJVDxbZj6
— ANI (@ANI) January 22, 2021
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उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए भारत सरकार की कोशिश थी कि वह सही रास्ते पर विचार करें और सही रास्ते पर विचार करने के लिए 11 दौर की बैठक की गई। जब किसान संगठन कानूनों को निरस्त करने पर अड़े रहे तो सरकार ने उनकी आपत्तियों के अनुसार निराकरण करने व संशोधन करने के लिए एक के बाद एक अनेक प्रस्ताव दिए। लेकिन जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता।’’ तोमर ने कहा, ‘‘आज मुझे लगता है वार्ता के दौर में मर्यादाओं का पालन तो हुआ लेकिन किसान के हक में वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो, इस भावना का अभाव था। इसलिए वार्ता निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। इसका मुझे खेद है।’’ कृषि मंत्री ने कहा कि जब आंदोलन का नाम किसान आंदोलन और विषय किसानों से संबंधित हो तथा सरकार निराकरण करने के लिए सरकार तैयार हो और निर्णय ना हो सके तो अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई न कोई ताकत ऐसी है जो इस आंदोलन को बनाए रखना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनके विकास और उत्थान के लिए उसका प्रयत्न निरंतर जारी रहेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि किसान संगठन सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई अनुमान नहीं लगाता लेकिन मैं आशावान हूं। मुझे उम्मीद है कि किसान संगठन हमारे प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार करेंगे।’’ तोमर ने कहा कि किसानों के हित में विचार करने वाले लोग सरकार के प्रस्ताव पर जरूर विचार करेंगे।
MP सरकार ने कोरोना काल में किसानों, गरीब जनता की आर्थिक मदद की है: शिवराज
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 20:31
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चौहान ने कहा कि मातृमें अपनी शिक्षा होनी चाहिए, लेकिन अंग्रेजी के ज्ञान से भी अब मध्य प्रदेश के बच्चों को अब वंचित नहीं रहना चाहिए, क्योंकि करियर में कई बार यह अंग्रेजी ही बाधा बन जाती है और इसलिए शिक्षा की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत किसानों एवं गरीब जनता के खातों में 1,18,455 करोड़ रुपये डाले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भ्रम फैला रही है कि भाजपा सरकारी स्कूल बंद कर देगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान चौहान ने सदन में कहा कि कोरोना काल के 10-11 महीने में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, श्रम सिद्धि अभियान, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बिजली बिलों में राहत, स्व-सहायता समूहों एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत गरीब जनता के खातों में 1,18,455 करोड़ रुपये डाले हैं।
उन्होंने कहा कि इनमें से 86,493 करोड़ रुपये किसानों के खाते में सरकार ने डाले है। चौहान ने विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने (कांग्रेस विधायकों ने) पहले आरक्षण के मामले में भ्रम फैलाया और उसके बाद अब भ्रम फैला रहे हैं कि यह भाजपा वाले सरकारी स्कूल बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि इसका कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सदन के नेता के नाते मैं आश्वस्त कर रहा हूं कि प्रदेश में कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कल्पना की है कि हम 20-25 किलोमीटर के दायरे में एक बहुत उत्कृष्ट स्कूल खोलेंगे, जहां 8,000 से 10,000 बच्चे पढ़ें और स्कूल भवन, लाइब्रेरी, खेल का मैदान और शिक्षकों की पूरी व्यवस्था हो। बिना कोई स्कूल बंद किए हम कोशिश करेंगे कि उस स्कूल में बच्चे आएं और उन्हें लाने के लिए हम बसों की व्यवस्था भी करेंगे।’’ चौहान ने कहा कि मातृमें अपनी शिक्षा होनी चाहिए, लेकिन अंग्रेजी के ज्ञान से भी अब मध्य प्रदेश के बच्चों को अब वंचित नहीं रहना चाहिए, क्योंकि करियर में कई बार यह अंग्रेजी ही बाधा बन जाती है और इसलिए शिक्षा की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।परहित सरिस धर्म नहि भाई। भूखे को भोजन कराने से बड़ा पुण्य का कोई दूसरा काम नहीं है। रसोई में स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिले, इसके लिए समाज व सरकार मिलकर कार्य करेंगे।
प्रदेश में दीनदयाल अंत्योदय रसोई के 100 केन्द्रों का वर्चुअल शुभारंभ किया।https://t.co/pfw1Jmy6kU https://t.co/gT1Gx4YqDf pic.twitter.com/cL8MCNv9e6— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 26, 2021
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उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पूर्व सरकार ने तय किया था कि यदि मासूम बेटियों के साथ दुराचार होगा तो सीधे फांसी की सजा होगी। कांग्रेस विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने पूछा तो इसलिए बताना चाहता हूं कि मासूम बेटियों के साथ दुराचार के 74 प्रकरणों में न्यायालय ने मृत्युंदड की सजा दी है और 24 प्रकरण उच्चतम न्यायालय में अपील स्तर पर लंबित हैं।’’ चौहान ने कहा कि सरकार किसी की भी हो, इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए तत्परता से कार्रवाई होनी चाहिए और हम भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’ शराब, मादक पदार्थ, चिटफंड, साइबर एवं भू माफियाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि माफिया समाज के दुश्मन हैं और किसी भी माफिया को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
ममता का सवाल, क्या चुनाव तिथियां मोदी और शाह के सुझावों के अनुसार घोषित की गईं?
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 20:20
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बनर्जी ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चुनाव जीतने के बारे में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वह राज्य की बेटी हैं और बंगाल को भाजपा से बेहतर जानती हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में आठ चरण में विधानसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें संदेह है कि तारीखों की घोषणा भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सुझावों के अनुसार की गई है। बनर्जी ने कालीघाट स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को राज्य को ‘‘भगवा खेमे की आंखों से’’ नहीं देखना चाहिए, उनका इशारा भाजपा की ओर था।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग का पूरा सम्मान करते हुए मैं यह कहना चाहती हूं कि इस पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं कि बंगाल में कई चरणों में चुनाव क्यों होंगे, जबकि अन्य राज्यों में एक चरण में मतदान होगा। यदि चुनाव आयोग लोगों को न्याय प्रदान नहीं करता तो लोग, कहां जाएंगे।’’ बनर्जी ने कहा कि ‘‘इन सभी चालों’’ के बावजूद, वह चुनाव जीतेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने सूत्रों से जानकारी मिली है कि चुनाव की तारीखें उसी अनुरूप हैं, जिस तरह से भाजपा चाहती थी। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सुझावों के अनुसार तारीखों की घोषणा की गई है?I respect EC's decision, but why break-up the districts. South 24 Parganas is our stronghold, voting there will be held in 3 different phases. Has this been done as per Modi and Shah's convenience?: West Bengal CM Mamata Banerjee on poll schedule pic.twitter.com/0WUzmYlXup
— ANI (@ANI) February 26, 2021
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प्रधानमंत्री और गृह मंत्री राज्य के चुनाव के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं कर सकते हैं।’’ बनर्जी ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चुनाव जीतने के बारे में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वह राज्य की बेटी हैं और बंगाल को भाजपा से बेहतर जानती हैं।
टीएमसी सरकार में राजनीतिक हिंसा नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है: राजनाथ सिंह
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 20:08
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सिंह ने कहा कि यहां के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है और भाजपा के शासन में आने के बाद निश्चित तौर पर उन्हें यह लाभ मिलेगा। उनके खाते में छह हजार रुपये जाएंगे।
बालुरघाट (बंगाल)। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन काल में राजनीतिक हिंसा ‘‘नई ऊंचाइयों’’ पर पहुंच गई है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इससे बेपरवाह हैं। दक्षिण दिनाजपुर जिले में एक रैली में सिंह ने कहा कि लोग ऐसी सरकार नहीं चाहते हैं जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाए। सिंह ने कहा, ‘‘राज्य में होने वाले चुनावों में अगर भाजपा सत्ता में आती है तो राजनीतिक हिंसा खत्म हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ‘मां माटी मानुष’ के नारे के साथ सत्ता में आई थी। लेकिन बाद में क्या हुआ? नारे को व्यावहारिक कारणों से कुचल दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक हिंसा नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो चुकी है। क्या मुख्यमंत्री को इस पर गौर नहीं करना चाहिए?’’ रक्षा मंत्री, बनर्जी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए जाने जाते हैं।
‘‘मां माटी मानुष’’ का नारा 2009 के लोकसभा चुनावों और 2011 के विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य में काफी लोकप्रिय हुआ था। सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य में ‘‘टीएमसी द्वारा की गई’’ राजनीतिक हिंसा में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी सरकार नहीं चाहते हैं जो नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाए।’’ सिंह ने दावा किया कि त्रिपुरा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति में ‘‘काफी सुधार’’ हुआ है। उन्होंने कहा कि टीएमसी ने ‘‘माहौल का इस तरह से राजनीतिकरण कर दिया है कि इससे बंगाल के लोगों को नुकसान हो रहा है। इसके परिणाम स्वरूप गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों के लिए कई केंद्रीय परियोजनाएं राज्य में अभी तक लागू नहीं हो पाई हैं।’’ सिंह ने कहा, ‘‘यहां के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है और भाजपा के शासन में आने के बाद निश्चित तौर पर उन्हें यह लाभ मिलेगा। उनके खाते में छह हजार रुपये जाएंगे।’’#WATCH Mamata didi is saying 'khela hobe', but I want to say khela hobe, nischay hobe, ab toh Bengal mein bado khela hobe, vikas ka khela hobe, shanti ka khela hobe. Mamata didi Bengal me dadagiri chalobe na: Union Minister Rajnath Singh in Balurghat pic.twitter.com/eRAb4aAne4
— ANI (@ANI) February 26, 2021
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भाजपा नेता ने दावा किया कि यहां ‘‘कट मनी, उगाही की संस्कृति फल-फूल रही है, जिसे हमारी पार्टी समाप्त कर देगी।’’ उन्होंने कहा कि पूरे पश्चिम बंगाल में बम बनाने की इकाइयां खुल गई हैं लेकिन टीएमसी इन सबसे बेपरवाह है। सिंह ने दावा किया कि भाजपा हर धर्म को बराबर सम्मान देने में विश्वास करती है लेकिन ‘‘दीदी (ममता बनर्जी) की सरकार क्या कर रही है? कई बार हम सुनते हैं कि यहां सरस्वती पूजा करने की अनुमति नहीं है और कई बार प्रशासन दुर्गा पूजा विसर्जन की अनुमति नहीं देता है। क्या यह ठीक है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल की धरती ने महाप्रभु श्री चैतन्य, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद जैसी हस्तियों को जन्म दिया है। भाजपा एक बार फिर से बंगाल का गौरव लौटाएगी।

