किसान कांग्रेस के नेता बोले, राजा-महाराजाओं की पार्टी बन गई कांग्रेस

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दिनेश शुक्ल । Jun 16 2019 1:46PM

सुरेन्द्र पाठक ने भी कहा कि काँग्रेस पार्टी में सिर्फ दो तरह के नेता हो गए है एक स्थापित नेता और दूसरे विस्थापित नेता। टिकिट बांटते समय हमसे पूछा नहीं जाता और बाद में जो केंडीडेट होता है वो किसी कि नहीं सुनता। उहोनें कहा कि काँग्रेस संगठन में परिवर्तन की जरूरत है आखिर कब तक हम विधवा विलाप करेगें।

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस कि सरकार बनने अभी छह माह ही हुए है लेकिन सरकार में तवज्जो न मिलने से नाराज किसान कांग्रेस के नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। जहाँ किसान कांग्रेस के नेताओं ने अपनी पार्टी को राजा महाराजाओं की पार्टी बताया तो वही पार्टी में उपेक्षा के चलते उनका दर्द छलक पड़ा। किसान कांग्रेस के नेताओं की शनिवार को भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठक के दौरान यह बातें सामने आई।

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कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में किसान कांग्रेस की बैठक के दौरान किसान नेताओं ने पार्टी संगठन पर कई सवाल खडे किए। जहाँ मध्यप्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने प्रदेश पदाधिकारीयों के सामने अपने तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर पार्टी का कोई नेता विधायक बन जाता है तो उसे अहंकार हो जाता है। वही प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के मुद्दे पर गुर्जर ने कहा कि कटनी जिले में हम कांग्रेस का संगठन इसलिए खड़ा नहीं कर पा रहे है क्योंकि वहाँ संजय पाठक के कहने पर लोगों को पद दिए गए। अब संजय पाठक पार्टी छोड़कर चले गए तो वहाँ अब कांग्रेस के लिए कोई काम करने वाला नहीं बचा। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर यहीं नहीं रूके उन्होनें विधायकों की निष्ठा पर ही सवाल खडे कर दिए उन्होनें कहा कि मुझे कहने में कोई डर नहीं है जो लोग विधानसभा चुनाव से पहले टिकिट के लिए तरस रहे थे वही अब विधायक बनने के बाद पार्टी नेतृत्व को ब्रेकमेल कर रहे है और सरकार में मंत्री न बनाने पर सरकार गिराने की धमकी दे रहे है ये कौन लोग है। 

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किसान कांग्रेस के नेताओं का इस दौरान दर्द भी छलक आया उन्होनें पदाधिकारीयों के सामने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहलसे किसान कलश यात्रा में किसी बडे नेता ने सहयोग नहीं किया। 48 डिग्री तापमान में किसान काँग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए मेहनत की है। प्रदेश किसान काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के दूसरे संगठनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसान काँग्रेस के कार्यकर्ता से आप कहो कि वह तीसरी मंजिल से छलाग लगा दे तो वह अपनी जान भी दे देगा क्योंकि उसकी पार्टी के प्रति निष्ठा है।

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इस दौरान रीवा जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाठक पार्टी संगठन पर सवाल उठाते हुए कहा कि बार-बार हारने वालों को ही पार्टी क्यों टिकिट देती है। पार्टी प्रचार और मेहनत करने के लिए कहा जाता है लेकिन जब टिकिट दिया जाता है तो हमसे पूछा क्यों नहीं जाता। उन्होनें कहा कि अगर पार्टी किसान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देगी और उसके बाद आप अपेक्षा करें कि यह लोग वोट दिला देगें तो हम कहा से वोट दिलाएगें।  

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सुरेन्द्र पाठक ने भी कहा कि कांग्रेस पार्टी में सिर्फ दो तरह के नेता हो गए है एक स्थापित नेता और दूसरे विस्थापित नेता।  टिकिट बांटते समय हमसे पूछा नहीं जाता और बाद में जो केंडीडेट होता है वो किसी कि नहीं सुनता। उहोनें कहा कि काँग्रेस संगठन में परिवर्तन की जरूरत है आखिर कब तक हम विधवा विलाप करेगें। वही किसान कांग्रेस की बैठक में पदाधिकारीयों ने आरोप लगाए कि कांग्रेस पार्टी राजा महाराजा की पार्टी बन कर रह गई है।

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बैठक के दौरान किसान कांग्रेस के पदाधिकारीयों ने माँग करते हुए कहा कि जिला स्तर पर बनने वाली समितियों में अनिवार्य रूप से संगठन के पदाधिकारियों को जगह दी जाए साथ ही आगामी निकाय और पंचायत चुनाव में नगर पंचायत अध्यक्ष और नगर पालिकाओं में किसान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जगह मिले।

 

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