...जब PM के बालाकोट हमले संबंधी दावे पर प्रियंका ने दागी कटाक्ष भरी कविता

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[email protected] । May 14 2019 8:33AM

राफेल विमान सौदे पर प्रधानमंत्री को घेरते हुए प्रियंका ने कहा कि वह कहते थे कि भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। फिर 30,000 करोड़ रुपये का राफेल घोटाला किसने कराया?

इंदौर। बालाकोट हवाई हमले के दौरान बादल छाये रहने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे को चुनावी निशाने पर लेते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को काव्यात्मक कटाक्ष किया और कहा कि मोदी की राजनीति की सचाई सामने आने के बाद  वह जनता के रडार पर आ गये हैं। प्रियंका ने यहां अपने रोड शो के समापन के बाद राजबाड़ा चौराहे पर अपने रथ (विशेष वाहन) से कागज के पुर्जे पर लिखी इबारत पढ़ते हुए कहा कि जुमला ही बोलता रहा पांच साल की सरकार में, सोचा था क्लाउडी है मौसम, नहीं आऊंगा रडार में। गौरतलब है कि मोदी ने शनिवार को एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्होंने खराब मौसम के बावजूद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर भारतीय वायुसेना के मिशन को मंजूरी दी थी। यह विशेषज्ञों के सुझाव के विपरीत था, क्योंकि उनका (प्रधानमंत्री) का मानना था कि बादल छाये रहने के कारण भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तानी रडार के दायरे में नहीं आयेंगे।

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राफेल विमान सौदे पर प्रधानमंत्री को घेरते हुए प्रियंका ने कहा कि वह कहते थे कि भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। फिर 30,000 करोड़ रुपये का राफेल घोटाला किसने कराया? चौकीदार चोर है के नारों की गूंज के बीच कांग्रेस महासचिव ने नुक्कड़ सभा में कहा कि वह इतने बडे़ रक्षा विशेषज्ञ हैं कि उन्होंने खुद तय कर लिया कि एक ऐसी कम्पनी जंगी जहाज बनायेगी जिसने इस तरह के विमान आज तक नहीं बनाये हैं। इस कम्पनी को जमीन दे दी गयी और ठेका भी दे दिया गया। सरकारी कम्पनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएल) से ये विमान नहीं बनवाये गये। प्रियंका ने इसी सन्दर्भ में आगे कहा कि वह इतने बडे़ रक्षा विशेषज्ञ हैं कि उन्होंने सोचा कि मौसम क्लाउडी है और वह ऐसा काम करेंगे, तो रडार पर नहीं आयेंगे। लेकिन वह जनता के रडार पर आ गये हैं। चाहे बारिश का मौसम हो या खुली धूप हो, सब समझ गये हैं कि इनकी राजनीति की सचाई क्या है।  

मौजूदा लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों को घसीटे जाने पर प्रियंका ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जैसे स्कूल में कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो दौड़ में हारने का पूर्वाभास होते ही खुद ही गिर पड़ते हैं और दूसरे बच्चों पर झूठा दोष मढ़ते हुए कहते हैं कि उन्होंने लात मारकर या धक्का देकर उन्हें गिरा दिया। इनकी (प्रधानमंत्री) की आज यही स्थिति हो गयी है। वह चुनावों में कह रहे हैं कि नेहरू जी ने ऐसा किया, इंदिरा जी ने ऐसा किया और राजीव जी ने वैसा किया। प्रियंका ने कहा कि अरे इस सदी में तो आइये और सवाल कर रही जनता को बताइये कि आपने पिछले पांच सालों में उसके लिये क्या किया है। कांग्रेस महासचिव ने मोदी पर सत्ता के अहंकार के कारण देश के आम आदमी से दूरी बनाने का आरोप लगाते हुए कि उन्हें अमेरिका घूमने का मौका मिल गया। वह ओबामा जी और चीन के राष्ट्रपति से गले मिल लिये। वह जापान में ढोल बजाकर आ गये। उन्होंने पाकिस्तान में बिरयानी भी खा ली। लेकिन वह पिछले पांच सालों में अपने ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक भी गरीब या किसान के घर नहीं गये। क्या आपने उन्हें एक भी आम देशवासी से गले मिलते देखा है? 

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प्रियंका ने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने अखबार में छपी फोटो में प्रधानमंत्री को एक बच्चे को गोद में लेकर उसे चूमते देखा। लेकिन फोटो के नीचे कैप्शन लिखा था कि यह बच्चा (भाजपा अध्यक्ष) अमित शाह का पोता है। मैं तो सोच रही थी कि वह मेरी बात मानकर किसी आम देशवासी के बच्चे को दुलार रहे हैं। लेकिन बात कुछ और ही निकली। कांग्रेस महासचिव ने प्रधानमंत्री पर सीधा आक्रमण जारी रखते हुए कहा कि उन्होंने आपको जितने वचन दिये थे और आपमें जितनी उम्मीदें जगायी थीं, उनका उन्होंने सरासर निरादर किया है। लोकतंत्र में सबसे बड़ा कायर नेता वह होता है जिसमें जनता की आवाज सुनने की हिम्मत नहीं होती। एक ऐसे नेता आज आपके प्रधानमंत्री हैं जिनमें आपकी आवाज सुनने की हिम्मत नहीं है। 

उन्होंने भाजपा के राष्ट्रवाद के नारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसा राष्ट्रवाद है जो महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, किसानों और नौजवानों को सुरक्षित नहीं रख सकता?  नोटबंदी को देश की जनता के लिये बड़ा सदमा करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों की कतार में एक भी उद्योगपति नहीं लगा था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश के एकमात्र नेता थे, जो नोटबन्दी के समय लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर कतार में खड़े थे। लेकिन इस बात को लेकर इनके (भाजपा के) तमाम नेताओं ने राहुल का मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा कि जटिल करों से भरी जीएसटी प्रणाली से छोटे दुकानदारों की कमर टूट गयी है और वे दु:खी होकर अपना कारोबार बंद करने तक पर विचार कर रहे हैं।

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