कौन हैं महर्षि अरबिंदो, जिन्हें हर साल लाल किले से पीएम मोदी देते हैं श्रद्धांजलि

Maharishi Aurobindo
अभिनय आकाश । Aug 15 2021 3:32PM

पीएम मोदी हर बार 15 अगस्त के अपने भाषण में महर्षि अरबिंदो का जिक्र जरूर करते हैं। 15 अगस्त के दिन ही साल 1872 में महान क्रांतिकारी और .योगी श्री अरविंद का जन्म हुआ था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम में अपना सबकुछ न्योछावर करने वाले सेनानियों को याद किया। पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के साथ ही महर्षि अरबिंदो को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि आज देश के महान विचारक अरबिंदो की जन्म जयंती भी है। साल 2022 में उनका 150वां जन्म जयंती का पर्व है। श्री अरबिंदो भारत के उज्जवल भविष्य के स्वप्नदृष्टा थे। वो कहते थे कि हमें उतना सामर्थवान बनना होगा। जितना हम पहले कभी नहीं थे। हमें अपनी आदतें बदलनी होगी। एक नए ह्रदय के साथ अपने को फिर से जागृत करना होगा। श्री अरबिंदो की ये बातें हमें अपने कर्तव्यों का ध्यान दिलाती है।

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कौन हैं श्री अरबिंदो? 

पीएम मोदी हर बार 15 अगस्त के अपने भाषण में महर्षि अरबिंदो का जिक्र जरूर करते हैं। 15 अगस्त के दिन ही साल 1872 में महान क्रांतिकारी और .योगी श्री अरविंद का जन्म हुआ था। जब वे सात वर्ष के थे उन्हें शिक्षा के लिये अपने भाइयों के साथ इंग्लैण्ड भेज दिया गया। श्री अरबिंदो के पिता की इच्छा थी कि प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगिता में भाग लें और भारत में आकर एक उच्च पद पर सरकार की सेवा करें। भारत लौटने के बाद महर्षि अरबिंद का रुझान स्वाधीनता की ओर होने लगा। इसी बीच 1902 में उनकी मुलाकात क्रांतिकारी बाल गंगाधर तिलक से हुई। महर्षि अरबिंदों ने अपने विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए 'वन्दे मातरम' नाम के अखबार का प्रकाशन किया था। उनके संपादकीय लेखों ने उन्हें अखिल भारतीय ख्याति दिला दी। महर्षि अरबिंदो की क्रांतिरकारियों गतिविधियों से अंग्रेजो ने भयभीत होकर सन 1908 में उन्हें और उनके भाई को अलीपुर जेल भेजा। जेल से वापस आकर वो पुणे में रहने लगे। 

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