अनुच्छेद 370: जानिए कौन-कौन हैं सरकार के पक्ष और विपक्ष में

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जानिए सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने की दिशा में रखे गए कदम पर कौन-कौन साथ हैं और कौन खिलाफ हैं ?

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया और स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर के बारे में विशेष प्रावधान करने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी घोषित करने के लिये संविधान में संशोधन करने की कानूनी बाध्यता नहीं है। शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी घोषित करने संबंधी संकल्प को राज्यसभा में पेश करते हुये बताया कि इस प्रावधान को राष्ट्रपति की महज एक अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया जा सकता है। इसी बीच सदन में जमकर हंगामा होने लगा और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर सत्ता के नशे में चूर होने का आरोप लगाया। 

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जानिए सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने की दिशा में रखे गए कदम पर कौन-कौन साथ हैं और कौन खिलाफ हैं ?

सरकार के पक्ष में राजनीतिक दल: भाजपा के साथ बसपा, एआईएडीएमके, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, टीआरएस और आम आदमी पार्टी हैं।

फैसले के विपक्ष में राजनीतिक दल: कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को सिरे से नकार और आज के दिन को काला अध्याय बताया। कांग्रेस के अलावा पीडीपी, एनसी, जेडीयू, माकपा और डीएमके ने इसका विरोध किया।

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जबकि कुछ नेताओं ने सरकार पर सीधेतौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीरी नेताओं को विश्वास में नहीं लिया और उन्हें नजरबंद करके राज्यसभा के पटल पर इसे रख दिया। आपको बता दें कि गृहमंत्री की घोषणा के बाद सदन में पीडीपी सांसद नजीर अहमद लवाय और मीर मोहम्मद फैयाज ने संविधान की प्रतियां फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया। जिसके बाद सभापति ने इन लोगों को सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। 

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