रमन सिंह और उनके परिजनों के भ्रष्टाचार की बात नहीं करते मोदी: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके परिजनों पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में कुछ नहीं बोलते हैं।
रायगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके परिजनों पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में कुछ नहीं बोलते हैं। गांधी ने आज शाम खरसिया विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "मुख्यमंत्री के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में है, मुख्यमंत्री की पत्नी का नाम नान घोटाले की डायरी में है, और वह स्वयं नान घोटाले में शामिल हैं। 5000 करोड़ रूपए का यहां चिटफंड घोटाला हुआ लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है। किसी को सजा नहीं मिलती है और इन सभी भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप हैं।" उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साढ़े चार साल पहले भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई थी लेकिन अब वह भ्रष्टाचार की बात नहीं करते हैं। उन्होंने राफेल का सौदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की जगह अनिल अंबानी को देकर तीस हजार करोड़ रूपया अंबानी की जेब मे डाल दिया। वहीं विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी जब भागे तब उनको रोका नहीं।"गांधी ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झीरम घाटी में शहीद हुए नंदकुमार पटेल समेत कांग्रेसी नेताओं के अपमान करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण के चुनाव में बस्तर क्षेत्र में कांग्रेस की जीत हो रही है। चुनाव के बाद हमारी सरकार बनते ही हम किसानों का कर्ज 10 दिनों में माफ कर देंगे, किसानों को बोनस देंगे और सभी जिलों मे फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाएंगे जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।" गांधी ने कहा कि सरकार बनते ही आउटसोर्सिंग खत्म करते हुए युवाओं को नि:शुल्क इंजीनियरिंग, मेडिकल और वकालत की उच्च शिक्षा देंगे।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी गरीब लोगों को सरकारी अस्पताल से मुफ्त में दवाएं मिलेंगी। राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल यहां लागू करेंगे, जिससे बाजार मूल्य से चार गुना दाम किसानों को उनकी भूमि का मिलेगा।बगैर किसान से पूछे उनकी जमीन नहीं छीनी जाएगी और पांच साल में उद्योग नहीं लगने पर किसान को जमीन वापस मिलेगी।
अन्य न्यूज़