Amritpal Singh लड़ेगा लोकसभा चुनाव? वकील के दावे के बीच बेटे से मिलने जेल पहुंचे पिता तरसेम सिंह, दे दिया बड़ा बयान
अमृतपाल सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने दावा किया कि डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में एक बैठक के दौरान उनकी तरफ से अमृतपाल सिंह को 'खालसा पंथ' के हित में राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। वकील ने दावा किया कि इसके बाद सिंह कथित तौर पर सहमत हो गए।
खालिस्तानी अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह वर्तमान में असम की जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत बंद हैं। लेकिन उसको लेकर जो खबर आई है उसने पंजाब की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। अमृतपाल के कानूनी प्रतिनिधि के अनुसार पंजाब के खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से अलगाववादी नेता एक इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर रहा है। पिता तरसेम सिंह ने अमृतपाल के राजनीति में उतरने की बात को लेकर पूछे जाने पर बेटे से मिलने तक किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। आज तरसेम सिंह अमृतपाल से मुलाकात करेंगे। इससे पहले अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर ने मीडिया को बताया कि कल ही अमृतपाल की पत्नी उससे मुलाकात करके वापस आई हैं। लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं बताया है।
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अमृतपाल सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने दावा किया कि डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में एक बैठक के दौरान उनकी तरफ से अमृतपाल सिंह को 'खालसा पंथ' के हित में राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। वकील ने दावा किया कि इसके बाद सिंह कथित तौर पर सहमत हो गए। खालसा ने कहा कि सिंह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं। बता दें कि 'वारिस पंजाब दे' समूह का नेता सिंह पिछले साल अप्रैल से हिरासत में हैं और उसके खिलाफ एनएसए लगाया गया है। वह और उसके नौ सहयोगी फिलहाल डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
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मृत खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना आदर्श मानने वाले अमृतपाल सिंह को एक महीने से अधिक समय तक छिपने के बाद पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। एक महीने तक पीछा करने के बाद गिरफ्तार किए गए अमृतपाल सिंह को असम के डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जाएगा, जहां उनके अधिकांश प्रमुख सहयोगी बंद हैं। अमृतपाल सिंह ने सरेंडर करने से पहले मोगा जिले के रोड़े गांव के एक गुरुद्वारे में एक सभा को संबोधित किया। अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था, जब पंजाब पुलिस ने उसके 'वारिस पंजाब दे' संगठन के सदस्यों पर एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी। अमृतपाल सिंह ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव रोड में छिपा हुआ था।
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