क्या अब युवा बैंकर्स को ट्रेड यूनियन का पाठ पढ़ाएंगे देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार?
जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है लेकिन केजरीवाल सरकार ने पुलिस को अब तक केस चलाने की इजाजत नहीं है।
AIBEA और AIBOA के चेन्नई यूनिट ने 11 अगस्त 2019 को युवा बैंकर्स के एक कार्यक्रम के लिए देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार को बुलाया है। AIBEA और AIBOA के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स आर्गेनाईजेशन के महामंत्री अश्वनी राणा ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि जो स्वयं इस देश के विरोध में नारे लगाते हों, भारत तेरे टुकड़े होंगे...की बात करते हो, क्या वह देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार अब युवा बैंकर्स को ट्रेड यूनियन का पाठ पढ़ाएंगे? 2015 में जेएनयू में एक छात्रा के साथ दुर्व्यवहार और धमकी देने के आरोप पर जेएनयू प्रशासन ने प्रोक्टोरियल जांच की थी और कन्हैया कुमार पर 3000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है लेकिन केजरीवाल सरकार ने पुलिस को अब तक केस चलाने की इजाजत नहीं है। जो लोग यह सोच रहे हैं कि कोर्ट में अभी कुछ सिद्ध नहीं हुआ है, उन्हें क्या पता है कि इस मामले पर पटियाला हाउस कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया है। अदालत ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है पर दिल्ली सरकार अपनी किरकिरी के चक्कर में अभी तक इजाजत नहीं दे रही है यह कहकर कि हम फाइल का अध्यन कर रहे हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात कश्मीरी छात्रों को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
AIBEA और AIBOA के चेन्नई यूनिट का कहना है कि कन्हैया कुमार सीपीआई के सदस्य हैं। एक तरफ AIBEA कहती है कि उनका कम्युनिस्ट पार्टी से कोई नाता नहीं है दूसरी तरफ ये कम्युनिस्ट नेताओं को बुलाते हैं।
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