गोवा में क्या उत्पल पर्रिकर सत्तारूढ़ भाजपा को करेंगे परेशान? पणजी सीट पर बीजेपी को दे रहे हैं कांटे की टक्कर
पणजी सीट से भाजपा प्रत्याशी बाबुश मोनसेराट पणजीत आगे चल रहे हैं जबकि निर्दलीय प्रत्याशी और मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर पीछे चल रहे हैं। पणजी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए वोटों की गिनती जारी है। पणजी राज्य की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक सीट है।
पणजी सीट से भाजपा प्रत्याशी बाबुश मोनसेराट पणजीत आगे चल रहे हैं जबकि निर्दलीय प्रत्याशी और मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर पीछे चल रहे हैं। पणजी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए वोटों की गिनती जारी है। पणजी राज्य की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक सीट है। गोवा के दिवंगत सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या है आम आदमी पार्टी का आगे का प्लान, राघव चड्ढा ने विस्तार से दी जानकारी, बोले- केजरीवाल बनेंगे PM
उत्पल ने पणजी से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से टिकट मांगा था, जो 1994 से विधानसभा में उनके पिता द्वारा प्रतिनिधित्व की गई सीट है। हालांकि भाजपा ने पणजी से उत्पल को टिकट न देकर कांग्रेस के खिलाफ बाबुश मोनसेराट पणजीत को मैदान में उतारा था इस बात से खफा होकर उत्पल पर्रिकर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ दिया था और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था। मोनसेरेट मौजूदा विधायक और कांग्रेस के पूर्व नेता हैं।
मतगणना को लेकर आये रुझानों को लेकर दिवंगत सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर मतगणना केंद्र से निकलते हुए कहते हैं, ''निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर यह अच्छी लड़ाई थी, मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं. लड़ाई से संतुष्ट हूं लेकिन परिणाम थोड़ा निराशाजनक है। वह पणजी में 713 मतों से पीछे चल रहे हैं
हालांकि भगवा पार्टी ने उत्पल को दो अन्य विकल्पों की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। मनोहर पर्रिकर ने 1994 के बाद से पणजी से हर चुनाव जीता। उन्होंने फरवरी 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री के रूप में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए उन्हें 2017 में गोवा ले जाया गया था। इसके बाद उन्होंने पणजी से सफलतापूर्वक उपचुनाव लड़ा।
अन्य न्यूज़