Yes Milord: महिला आरक्षण कानून के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार, इलाहाबाद HC को लेकर SC ने क्यों जताई चिंता, जानें कोर्ट में इस हफ्ते क्या क्या हुआ

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ANI
अभिनय आकाश । Jan 11 2025 2:19PM

6 जनवरी से 11 जनवरी 2025 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली पर जताई चिंता। संभल में जामा मस्जिद के पास के कुएं में पूजा करने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक। जेईई एडवांस में इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ने वाले छात्रों को 3 मौके मिलेंगे। 2023 महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार। बम्बई हाई कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर सरकार के रवैये पर जताई हैरानी। इस सप्ताह यानी 6 जनवरी से 11 जनवरी 2025 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट पर चिंता होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ हाई कोर्ट्स के बारे में हमें नहीं पता क्या होगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट इन्हीं में से एक है, जिसके बारे में चितित होना चाहिए। दिवंगत नेता मुख्तार अंसारी से जुड़े केस में कोर्ट ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने लखनऊ में विवादित जमीन पर पीएम आवास योजना के तहत घर बनाने को लेकर यथास्थिति बनाए रखने को कहा। जमीन पर मुख्तार के बेटे दावा कर रहे हैं। उनके वकील ने कहा कि हाई कोर्ट के सामने बार-बार केस लिस्ट किया, लेकिन अंतरिम रोक नहीं लगाई गई।

संभल मस्जिद कुएं के पास धार्मिक गतिविधि की इजाजत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के पास एक निजी कुएं को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। कहा कि उसकी इजाजत के बिना कोई कदम न उठाया जाए। केंद्र, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), संभल जिला प्रशासन और अन्य पक्षों को नोटिस भी जारी किया। मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा था कि जिला प्रशासन पुराने मंदिरों और कुओं को पुनर्जीवित करने का अभियान चला रहा है। इसमें मस्जिद के पास वाला कुआं भी है। वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि वहां धार्मिक गतिविधियां शुरू करने की योजना बनाई गई है। चीफ जस्टिस ने कहा, 'ऐसी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी।'

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कोर्स छोड़ने वालों को जेईई एडवांस में एक और मौका

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन छात्रों को जेईई-एडवांस 2025 में रजिस्ट्रेशन करने की मंजूरी दे दी, जिन्होंने 5 से 18 नवंबर 2024 के बीच अपने कोर्स छोड़े थे। अटैम्प्ट की संख्या 3 से घटाकर 2 करने के खिलाफ दायर अर्जियों पर यह फैसला दिया गया। याचिका में कहा गया था कि जॉइंट एडमिशन बोर्ड ने पहले कहा कि जो 2023, 24 और 25 में 12वीं कर चुके हैं, वे जेईई-एडवांस में बैठ सकते हैं। लेकिन 18 नवंबर 2024 को सिर्फ 2024 और 2025 तक सीमित कर दिया। कोर्ट ने कहा, जो छात्र 5 नवंबर की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर अपने कोर्स से बाहर हो गए थे वे परीक्षा में देने के पात्र होंगे।

एक तिहाई महिला आरक्षण के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2023 के नारी शक्ति वंदन अधिनियम के उस परिसीमन खंड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने का प्रावधान है। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत जया ठाकुर और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं थी। पीठ ने बताया कि जया ठाकुर की याचिका ने उस विधेयक को चुनौती दी जो अधिनियम बन गया था, जबकि एनएफआईडब्ल्यू ने कानून के परिसीमन खंड को चुनौती दी थी। ठाकुर की याचिका को निरर्थक बताकर खारिज कर दिया गया। अदालत अनुच्छेद 32 के तहत एनएफआईडब्ल्यू की याचिका पर भी विचार करने के लिए इच्छुक नहीं थी। 

वायु प्रदूषण का समाधान क्या है या फिर हर वर्ष धुआं ही देखने को मिलेगा

बम्बई हाई कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या शहर में वायु प्रदूषण का कोई हल निकलेगा या फिर हर वर्ष दिवाली के बाद नागरिकों को धुएं का सामना करना पड़ेगा। अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि बेकरियों को लकड़ी व कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए। इसने कहा कि सीएनजी व इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा हालांकि सभी अधिकारी मुंबई के बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के पीछे की समस्याओं और कारणों से मोटे तौर पर अवगत हैं लेकिन समाधान व उठाए जाने वाले कदम को तुरंत अमल में लाये जाने की जरूरत है। पीठ ने 2023 में शहर और राज्य में खराब वायु गुणवत्ता पर स्वतः संज्ञान लिया था। 

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