Video | यमुना नदी का 'रौद्र रूप', दिल्ली के निचले इलाकों में हाई अलर्ट! आ सकती है बाढ़

Yamuna river
ANI
रेनू तिवारी । Aug 18 2025 12:24PM

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे उत्तर भारत में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चिंता बढ़ गई है। ऊपरी बैराजों से लगातार पानी जमा हो रहा है।

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे उत्तर भारत में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चिंता बढ़ गई है। ऊपरी बैराजों से लगातार पानी जमा हो रहा है। पीटीआई के अनुसार, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने पुष्टि की है कि रविवार शाम करीब 7 बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.60 मीटर तक पहुँच गया और 204.50 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर गया।

इसे भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एकजुट हुआ NDA, सीपी राधाकृष्णन को नीतीश ले लेकर नायडू तक का समर्थन

 

हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाना

सीडब्ल्यूसी ने नदी के बढ़ते जलस्तर को ऊपरी यमुना जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा और हथिनीकुंड तथा वज़ीराबाद बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से जोड़ा है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एडवाइजरी में कहा गया है, "17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए, यह सूचित किया जाता है कि 19 अगस्त, 2025 को सुबह 2 बजे के आसपास दिल्ली रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 206.00 को पार कर सकता है।"

इसे भी पढ़ें: Gulzar Birthday: गैराज के मैकेनिक से गुलजार ने तय किया फिल्म इंडस्ट्री का सफर, आज मना रहे 91वां जन्मदिन

दिल्ली के लिए चेतावनी

दिल्ली के लिए चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है और 206 मीटर पर लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। दिल्ली में पुराने रेलवे ब्रिज पर सोमवार सुबह सात बजे यमुना नदी का जलस्तर 204.80 मीटर के स्तर तक पहुंच गया।

रविवार शाम को जलस्तर 204.60 मीटर के आसापास था। नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिये पुराना रेलवे ब्रिज एक मुख्य अवलोकन स्थल के तौर पर कार्य करता है। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जलस्तर संभावित रूप से बढ़ने के पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी एजेंसियों को एहतियाती कार्रवाई करने के लिये कहा गया है। केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारणवजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है।’’

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से लगभग 58,282 क्येसूकपानी छोड़ा जा रहा है, जो इस मौसम में सबसे अधिक है। वहीं वजीराबाद बैराज से हर घंटे 36,170 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इन बैराजों से छोड़े गये पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे का समय लगता है। ऊपरी इलाकों से छोड़े गये पानी की कम मात्रा भी जलस्तर में वृद्धि का कारण बन रही है।

बारिश के दौर से दिल्ली के AQI में सुधार

पिछले कुछ हफ़्तों में हुई बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। रविवार को शहर में हल्की बारिश हुई, जिससे वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' स्तर पर बनी रही।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 91 रहा, जो पिछले दिन दर्ज किए गए 118 (जिसे 'मध्यम' श्रेणी में रखा गया है) से कम है।

CPCB के अनुसार, दिल्ली में जारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण, वायु गुणवत्ता काफी हद तक 'संतोषजनक' श्रेणी में रही, यह इस साल दर्ज किया गया 53वाँ ऐसा दिन था। 2020 के बाद से, 17 अगस्त तक दर्ज किए गए ऐसे दिनों की यह सबसे अधिक संख्या है।

बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की आशंकाएँ बढ़ रही हैं

पुराना रेलवे पुल दिल्ली की बाढ़ की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निगरानी केंद्र बना हुआ है, जहाँ सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, "जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है।" यह लगातार वृद्धि सप्ताहांत से ही देखी जा रही है। शुक्रवार को दोपहर 1 बजे तक जलस्तर 204.65 मीटर तक पहुँच गया, इसके बाद शनिवार को 205.11 मीटर तक पहुँच गया, और रविवार को फिर से चेतावनी के निशान को पार कर गया। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़