योगी ने नोएडा के 'भूत' को किया भस्म, अंधविश्वास पर भारी पड़ा बाबा का विश्वास

yogi adityanath
अंकित सिंह । Mar 10 2022 3:46PM

उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में एक बात काफी दिनों से सुर्खियों में रहती थी। वह यह थी कि उत्तर प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री अगर नोएडा आता है तो उससे दोबारा कुर्सी नहीं मिलती है। हालांकि योगी आदित्यनाथ 30 से ज्यादा बार नोएडा पहुंचे। उत्तर प्रदेश में 1988 में वीर बहादुर सिंह नोएडा आए थे और वह अगला चुनाव हार गए थे।

उत्तर प्रदेश में चुनावी नतीजे आने लगे हैं। चुनाव नतीजों ने सभी को चौंकाया है। शुरुआती रुझानों में उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर लिया है। हालांकि दावा किया जा रहा था कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को कड़ी टक्कर देखी। इसके साथ ही उन मिथकों को भी बार-बार कहा जा रहा था जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के कई मुख्यमंत्री हो को सत्ता से हाथ धोने पड़े। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन अंधविश्वासों को ध्वस्त करते हुए तमाम मिथकों को तोड़ दिया है। 

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दूसरा मिथक- सरकार रिपीट नहीं होती

उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन दशकों में दूसरी बार यूपी में फिर से निर्वाचित होने वाली पार्टी के रूप में अपनी रिकॉर्ड दर्ज करा रही है।1985 के बाद 37 वर्षों के बाद यह भी पहली बार होगा, कि इस मामले में एक सत्तारूढ़ दल, भाजपा, भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में सत्ता में लौट सकती है। 1985 के बाद से राज्य में ऐसी कोई भी पार्टी दोबारा सत्ता में लौटने में विफल रही है, जो सत्ता में थी। 1991 में बहुमत हासिल करने के 26 साल बाद एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी कर रही है।

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दूसरा मिथक- नोएडा

उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में एक बात काफी दिनों से सुर्खियों में रहती थी। वह यह थी कि उत्तर प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री अगर नोएडा आता है तो उससे दोबारा कुर्सी नहीं मिलती है। हालांकि योगी आदित्यनाथ 30 से ज्यादा बार नोएडा पहुंचे। उत्तर प्रदेश में 1988 में वीर बहादुर सिंह नोएडा आए थे और वह अगला चुनाव हार गए थे। उनके बाद 1989 में नारायण दत्त तिवारी आए थे जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। सत्ता में रहने के बावजूद में अखिलेश यादव कभी नोएडा दौरे पर नहीं आए थे। नोएडा के अलावा बिजनौर को लेकर भी मिथक था। बिजनौर में भी कोई भी मुख्यमंत्री जल्दी नहीं जाता था। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर का भी दौरा किया। 

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