योगी सरकार ने कहा, भीम आर्मी के संस्थापक के खिलाफ रासुका वापस ली गयी
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ को उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि सहारनपुर में 2017 में हुयी हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रावधान वापस ले लिये गये हैं।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ को उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने यह जानकारी दी। इसके बाद पीठ ने दलित नेता की याचिका का यह कहते हुये निस्तारण कर दिया कि अब यह निरर्थक हो गयी है।
चन्द्रशेखर को सहारनपुर दंगों में उनकी कथित भूमिका के लिये आठ जून 2017 को उप्र पुलिस के विशेष कार्य बल ने गिरफ्तार किया गया और उसे 14 सितंबर को जमानत मिल गयी थी। चन्द्रशेखर की गिरफ्तारी के करीब छह महीने बाद उन पर रासुका लगाई गयी थी। चन्द्रशेखर ने उन पर रासुका लगाने के फैसले को कई आधारों पर चुनौती दी थी।
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