युवक से इमली के लिए वसूले थे 1.50 रुपये एक्सट्रा, अब करना होगा 5000 रुपये का भुगतान

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रितिका कमठान । Oct 16 2023 6:58PM

मामला गुजरात के वडोदरा का है, जहां छह वर्षों पहले एक सुपर मार्केट ने इमली के पैकेट पर एमआरपी से 1.50 रुपये अतिरिक्त वसूले थे। युवक ने इसे लेकर कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था, जिस पर फैसला आने में कुल छह वर्षों का समय लगा है।

किसी व्यक्ति को 1.50 रुपये की जगह 5000 रुपये का भुगतान करना पड़े, तो ये व्यक्ति के लिए काफी परेशान करने वाला हो सकता है। ऐसा ही कुछ असल में हुआ है गुजरात में जहां एक व्यक्ति से सुपर मार्केट वालों ने छह वर्ष 1.50 रुपये ज्यादा लिए थे, जिसके बदले अब युवक को 5000 रुपये देने का आदेश दिया गया है।

बता दें कि मामला गुजरात के वडोदरा का है, जहां छह वर्षों पहले एक सुपर मार्केट ने इमली के पैकेट पर एमआरपी से 1.50 रुपये अतिरिक्त वसूले थे। युवक ने इसे लेकर कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था, जिस पर फैसला आने में कुल छह वर्षों का समय लगा है। छह वर्षों बाद अदालत ने युवक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुपर मार्केट आदेश दिया है कि युवक को 5000 रुपये दिया जाए।

अदालत ने सुपर मार्केट पर गलती करने के आरोप में 50 हजार रुपये का फाइन भी लगाया है। इसे साथ ही 1.50 रुपये पर नौ प्रतिशत ब्याज व कानूनी कार्रवा में खर्च हुए रुपये देने का आदेश दिया है। मामला वर्ष 2017 का है जब वडोदरा के रहने वाले अनंत पुंजानी ने एवेन्यू सुपरमार्केट से 200 ग्राम इमली का पैकेट खरीदा था। इमली के पैकेट पर 35 रुपय 50 पैसे की कीमत लिखी गई थी, मगर बिलिंग काउंटर पर सेल्स मैन ने 37 रुपये का बिल काटा। इसके बाद ग्राहक ने डे़ढ रुपये के लिए सुपरमार्केट स्टाफ से मदद मांगी मगर कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद अगस्त 2017 में अनंत ने कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करवाया और अब अनंत के पक्ष में ही कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

बता दें कि इस आदेश में कहा गया कि सुपर मार्केट ने कई ग्राहकों से हर पैकेट पर डेढ़ रुपये अतिरिक्त वसूल कर अनैतिक काम किया है। इससे सुपर मार्केट को काफी अधिक लाभ हुआ है। सुपर मार्केट ने इस तरह पैसे की उगाही कर कई लोगों को लूटने का काम किया है। सुपरमार्केट के इस व्यवहार को देखते हुए आदेश में कहा गया कि उसे उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपये जमा करने होंगे और पीड़ित व्यक्ति को भी पांच हजार रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि सुपरमार्केट ने दलील में कहा कि स्कैनर की गलती से ये अतिरिक्त राशि वसूली गई है जबकि ऐसा कोई प्रायोजन नहीं था। फोरम ने कहा कि आने वाले समय में इस तरह की गलती सुपरमार्केट ना करे, इसलिए ये जुर्माना लगाना उचित है।

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