Sheila Dikshit Birth Anniversary: दिल्ली की बेताज मल्लिका थी शीला दीक्षित, उतार-चढ़ाव भरा रहा राजनीतिक जीवन

Sheila Dikshit
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दिल्ली की तीन बार सीएम और कांग्रेस की सीनियर नेता रहीं शीला दीक्षित का आज ही के दिन यानी की 31 मार्च को जन्म हुआ था। उनका जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। उनको 'दिल्ली की बेताज मल्लिका' भी कहा जाता था।

दिल्ली की तीन बार सीएम और कांग्रेस की सीनियर नेता रहीं शीला दीक्षित का आज ही के दिन यानी की 31 मार्च को जन्म हुआ था। उनका जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। उनको 'दिल्ली की बेताज मल्लिका' भी कहा जाता था। शीला दीक्षित ने साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते हुए अनोखा कीर्तिमान रचा था। वह भारत के किसी भी राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली महिला रहीं।

जन्म और शिक्षा

पंजाब के कपूरथला में कपूर परिवार में 31 मार्च 1938 को शीला दीक्षित का जन्म हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए किया था। साल 1962 में शीला दीक्षित की शादी विनोद दीक्षित के साथ हुई थी। विनोद दीक्षित पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे। ससुर की छत्रछाया में ही शीला दीक्षित का राजनीतिक सफर शुरू हुआ और परवान चढ़ा था।

राजनीतिक जीवन

साल 1984 में शीला दीक्षित उत्तर प्रदेश के कन्नौज संसदीय क्षेत्र में संसद पहुंची। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महिलाओं को लेकर कमीशन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। साल 1986 से 1989 तक वह केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर भूमिका निभाई। बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम दीक्षित के जीवन में साल 1990 के आंदोलन के बाद हुआ। जब 1998 के संसदीय चुनाव में पूर्व दिल्ली क्षेत्र से बीजेपी के लालबिहारी तिवारी के हाथों शीला दीक्षित को करारी शिकस्त मिली थी। जिसके बाद कांग्रेस ने शीला दीक्षित को राज्य की राजनीति का चेहरा बनाया। जिसके बाद उन्होंने गोल मार्केट से विधानसभा चुनाव जीता और साल 1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।

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भ्रष्टाचार का मामला

दिल्ली के लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में जब जांच की गई तो इस केस ने शीला दीक्षित के खिलाफ खूब सुर्खियां बटोरी। हांलाकि लोकायुक्त ने उनको बरी कर दिया था। साल 2009 में हत्या के दोषी पाए गए मनु शर्मा को पैरोल दिए जाने के विवाद में भी शीला दीक्षित घिर गई थीं। वहीं हाईकोर्ट में भी शीला दीक्षित की भूमिका की काफी ज्यादा आलोचना की थी। जिसके बाद साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के लिए दिल्ली की सूरत बदलने वाले भी कई कदम उठाए गए। लेकिन बार में इस मामले में भी उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

राजनीतिक उतार

साल 2012 में दिल्ली में चर्चित निर्भया कांड हुआ। इसके बाद दीक्षित सरकार के खिलाफ एक लहर बन गई थी। वहीं अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आंदोलन शुरू कर दिया था और वैकल्पिक राजनीति धीरे-धीर खड़ी हो रही थी। निर्भया कांड मामले और अन्ना हजारे आंदोलन के बीच विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस का हार मिली। वहीं आप पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई।

मौत

दिल्ली की लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाली शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में 20 जुलाई 2019 को निधन हो गया था।

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