Karachi में जन्म, Iran में व्यापारिक सफलता, जानिये कैसे Britain के सबसे अमीर व्यक्ति बने थे SP Hinduja

Srichand Parmanand Hinduja
ANI

अविभाजित भारत के कराची में एक कारोबारी परिवार में जन्मे एसपी हिंदुजा ने कारोबारी दुनिया में पहली सफलता हिंदी फिल्म 'संगम' के अंतरराष्ट्रीय वितरण अधिकारों से पाई थी। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाइयों के साथ मिलकर कामयाबी की कई इबारतें लिखीं।

हिंदुजा समूह के चेयरमैन श्रीचंद परमानंद हिंदुजा का बुधवार को लंदन में 87 साल की उम्र में निधन हो गया। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे श्रीचंद परमानंद हिंदुजा चार भाइयों में सबसे बड़े थे। उनकी बेटियों शानू और वीनू हिंदुजा ने एक संयुक्त बयान में कहा, "पिताजी ने विनम्रता और गरिमा के साथ जीवन जिया, उन्होंने हमेशा लोगों को साथ लाने की कोशिश की। हम उनके साथ बिताए हर गुजरे पल के आभारी हैं। उन्हें भारत और इसकी संस्कृति को वैश्विक स्तर पर लाने में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा।" हिंदुजा की पत्नी मधु हिंदुजा का गत जनवरी में 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनके बेटे धरम हिंदुजा की पहले ही मौत हो चुकी है।

हम आपको बता दें कि अविभाजित भारत के कराची में एक कारोबारी परिवार में जन्मे एसपी हिंदुजा ने कारोबारी दुनिया में पहली सफलता हिंदी फिल्म 'संगम' के अंतरराष्ट्रीय वितरण अधिकारों से पाई थी। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाइयों के साथ मिलकर कामयाबी की कई इबारतें लिखीं। हालांकि, उन्हें बोफोर्स घोटाले में नाम आने पर विवादों का भी सामना करना पड़ा था। एसपी हिंदुजा और उनके दो भाइयों पर बोफोर्स तोप खरीद में 64 करोड़ रुपये का गैरकानूनी कमीशन लेने का आरोप लगा था। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय से तीनों हिंदुजा बंधुओं को साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2005 में आरोपमुक्त कर दिया गया था। हिंदुजा के कारोबारी साम्राज्य की नींव उनके पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने रखी थी। वह सिंध इलाके (अब पाकिस्तान में) में वस्तुओं का व्यापार करते थे लेकिन बाद में वह ईरान जाकर कारोबार करने लगे। युवा श्रीचंद ने 1964 में संगम फिल्म को पश्चिम एशियाई देशों में वितरित कर पहली बड़ी कामयाबी हासिल की।

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तेल कीमतों पर ईरान के शाह के साथ इंदिरा गांधी की असहमति गहराने के बाद हिंदुजा बंधुओं को वहां की सत्ता से भारतीय उत्पादों का ईरान को निर्यात बढ़ाने का प्रस्ताव मिला तो उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया और लौह अयस्क से लेकर जिंसों तक का कारोबार करने लगे। वर्ष 1980 में उन्होंने भारत की ट्रक एवं बस विनिर्माता अशोक लीलैंड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। इसके अलावा शेवरॉन कॉर्प से उन्होंने गल्फ ऑयल का भी नियंत्रण लेकर तेल एवं लुब्रिकेंट कारोबार में कदम रखा। एसपी हिंदुजा ने 1993 में इंडसइंड बैंक की शुरुआत कर बैंकिंग क्षेत्र में भी जगह बनाई। तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को भी बैंक के उद्घाटन पर आमंत्रित किया गया था। उसके अगले ही साल उन्होंने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में एसपी हिंदुजा बैंक प्रिवी की भी स्थापना की जो किसी भारतीय के स्वामित्व वाला इकलौता स्विस बैंक है। इस बैंक की शाखाएं ज्यूरिख, लंदन और दुबई में भी हैं जो बड़े उद्योगपतियों एवं उद्यमियों को निवेश परामर्श एवं संपत्ति प्रबंधन सेवाएं देता है।

ब्रिटेन के सबसे धनवान लोगों की सूची में हिंदुजा बंधु शीर्ष पर रहे हैं। पिछले साल की 'द संडे टाइम्स' की अमीर लोगों की सूची के मुताबिक हिंदुजा बंधुओं के पास 28.472 अरब पौंड की संपत्ति होने का अनुमान था। हालांकि हिंदुजा बंधु अपनी संपत्तियों के बारे में खुलकर चर्चा करने में परहेज करते रहे हैं लेकिन उनके बीच ब्रिटेन की अदालतों में पारिवारिक संपत्तियों को लेकर कानूनी झगड़े भी हुए हैं। वैसे यह परिवार अपने राजनीतिक रिश्तों को लेकर कुछ ज्यादा मुखर रहा है। इसके संबंध दुनिया के प्रमुख नेताओं से रहे हैं जिनमें ईरान के तत्कालीन शाह से लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश सीनियर और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल हैं। हिंदुजा बंधुओं ने वर्ष 2006 में लंदन की कार्लटन हाउस टेरेस स्ट्रीट पर 25 बेडरूम वाला एक बड़ा घर 5.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था।

इस बीच, हिंदुजा परिवार ने अपने बयान में उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा, "एसपी हिंदुजा ने सही मायने में समूह के संस्थापक सिद्धांतों एवं मूल्यों के अनुरूप जिंदगी बिताई। उन्होंने भाइयों के साथ मिलकर अपने मातृदेश भारत और मेजबान देश ब्रिटेन के बीच मजबूत रिश्ते बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"

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