Vincent Van Gogh Death Anniversary: पश्चिमी कला के इतिहास में सबसे महान चित्रकार थे विंसेंट वैन गाग, जानिए रोचक बातें

नीदरलैंड में 30 मार्च 1853 को एक उच्च-मध्यमवर्गीय परिवार में विंसेंट वैन गाग का जन्म हुआ था। उनको बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। लेकिन उनमें मानसिक अस्थिरता के लक्षण भी दिखते थे। युवावस्था में उन्होंने एक कला डीलर के तौर पर काम करना शुरू किया।
विंसेंट वैन गाग एक डच पोस्ट-इंप्रेशनिस्ट चित्रकार थे। जिनको सबसे महान कलाकारों में माना जाता है। हालांकि उनको अपने जीवनकाल में बहुत कम मान्यता मिली थी। बता दें कि 29 जुलाई 1890 को वैन गाग ने अपने सीने में खुद को गोली मार ली थी। वहीं दो दिन बाद 37 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई थी। वैन गाग के कार्यों ने उनकी मृत्यु के बाद पहचान हासिल की थी। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर विंसेंट वैन गाग के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
नीदरलैंड में 30 मार्च 1853 को एक उच्च-मध्यमवर्गीय परिवार में विंसेंट वैन गाग का जन्म हुआ था। उनको बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। लेकिन उनमें मानसिक अस्थिरता के लक्षण भी दिखते थे। युवावस्था में उन्होंने एक कला डीलर के तौर पर काम करना शुरू किया। वह अक्सर यात्रा करते रहते थे। वान गॉग कला में आधुनिकतावादी रुझानों से अच्छी तरह वाकिफ थे। 1881 में उन्होंने चित्रकला शुरू की, इसमें उनके छोटे भाई थियो ने आर्थिक सहायता प्रदान की।
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वान गाग की कृतियां
उनकी शुरुआती कृतियों में ज्यादातर स्थिर जीवन चित्र और किसान मजदूरों के चित्रण शामिल हैं। साल 1888 में वह पेरिस चले गए, जहां पर उनकी मुलाकात कला जगत के अवांट-गार्डे के सदस्यों से हुई। फिर वह कलात्मक आश्रय और कम्यून स्थापित करने के लिए दक्षिणी फ्रांस के आर्ल्स चले गए। जहां पर उनके चित्र अधिक निखरते चले गए और उन्होंने अपना ध्यान प्राकृतिक दुनिया की तरफ लगाया। वान गॉग ने अपनी पहली बड़ी कृति 'द पोटैटो ईटर्स' और 'किसान चरित्र अध्ययनों' की एक श्रृंखला थी। उन्होंने सिर्फ एक दशक में करीब 2,100 कलाकृतियां बनाई थीं।
मानसिक विकारों से पीड़ित थे वान गाग
वह मानसिक विकारों और भ्रमों से ग्रस्त थे। वान गाग अक्सर अपने शारीरिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करते थे। वह खाना कम खाते थे और खराब का सेवन अधिक करते थे। वान गाग ने मनोरोग अस्पतालों में भी समय बिताया। हालांकि हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद वह होम्योपैथिक चिकित्सक पॉल गैशेट की देखभाल में आ गए, लेकिन उनका अवसाद बना रहा।
मृत्यु
अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वान गाग ने आलोचनात्मक कलात्मक ध्यान करना शुरू किया। वान गाग के काम को अगले दशकों में व्यापक आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता मिली। वहीं 29 जुलाई 1890 को वान गाग ने रिवॉल्वर से खुद को सीने में गोली मार ली, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
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