हिन्दूवादी छवि छोड़ ''सबका साथ सबका विकास'' की राह पर भाजपा

BJP wants sabka saath sabka vikas

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को की गयी थी। इसके प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपेयी बनाये गये थे जोकि आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने और तीन बार देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया।

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को की गयी थी। इसके प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपेयी बनाये गये थे जोकि आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने और तीन बार देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया। भाजपा ‘सभी के लिए न्याय और तुष्टिकरण किसी का नहीं’ के सिद्धांत में विश्वास रखती है। वर्तमान में यह देश की संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अपने बलबूते बहुमत हासिल कर सरकार बनाई।

हिन्दूवादी छवि छोड़ 'सबका साथ सबका विकास'

भाजपा एक दक्षिणपंथी दल है और इसका वैचारिक एवं सांगठनिक ढांचा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ है। पार्टी की छवि हिन्दूवादी रही है लेकिन 2014 से पार्टी 'सबका साथ सबका विकास' की अवधारणा पर आगे बढ़ रही है और पिछले कुछ चुनावों में उसे लगातार अल्पसंख्यकों का समर्थन मिला है और वह उन क्षेत्रों में भी चुनाव जीती है जो अल्पसंख्यक बहुल हैं।

भाजपा के तीन प्रमुख मुद्दे

पार्टी की विदेश नीति राष्ट्रवादी सिद्धांतों पर केन्द्रित है। जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष संवैधानिक दर्जा ख़त्म करना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करना तथा सभी भारतीयों के लिए समान नागरिकता संहिता की पार्टी पक्षधर है। 1998 से 2004 तक पार्टी केंद्र की सत्ता में रही लेकिन चूँकि यह गठबंधन सरकार थी इसलिए उसने किसी भी विवादित मुद्दे को नहीं छुआ और एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर सरकार चलाई। लेकिन अब पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार होने पर उसके कार्यकर्ता यह उम्मीद करते हैं कि पार्टी अपने मूल उद्देश्यों पर अमल करेगी।

इतिहास

दरअसल आज की भाजपा श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित जनसंघ का ही दूसरा रूप है। 1977 में आपातकाल की समाप्ति के बाद जनता पार्टी बनाई गयी जिसमें जनसंघ के साथ ही अन्य दलों का भी विलय हुआ। जनता पार्टी ने 1977 में कांग्रेस को आम चुनावों में हरा दिया। लेकिन अपने अंतर्विरोधों के चलते यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और 1980 में पार्टी विघटित हो गयी। पूर्व जनसंघ की राह पर चलते हुए भाजपा का गठन किया गया। पार्टी की शुरुआत हालांकि ठीक नहीं रही और 1984 के लोकसभा चुनावों में उसे मात्र दो लोकसभा सीटें प्राप्त हुईं। 

श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन से मिला फायदा

भाजपा को असल ताकत श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन से मिली। इस आंदोलन के सहारे पार्टी को खासकर उत्तर भारत में अपनी जड़ें जमाने में कामयाबी हासिल हुई और सबसे पहले उत्तर प्रदेश में ही इसकी सरकार बनी। 1996 में पार्टी लोकसभा चुनावों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी लेकिन इसके नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मात्र 13 दिन ही चल सकी। 1998 के आम चुनावों में भाजपा के नेतृत्व में बने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बहुमत मिला और दोबारा अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। अन्नाद्रमुक की ओर से सरकार से समर्थन वापस ले लिये जाने के कारण यह सरकार 13 माह में ही गिर गयी और 1999 में हुए लोकसभा चुनावों में राजग एक बार फिर बहुमत हासिल करने में सफल रहा और देश के प्रधानमंत्री पद की कमान पुनः अटल बिहारी वाजपेयी ने संभाली।

2014 में भाजपा के दिन पलटे

2004 का लोकसभा चुनाव राजग हार गया और भाजपा दस सालों तक विपक्ष में रही। 2014 के चुनावों में भाजपा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया और अपने बलबूते स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। चुनावों में राजग दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल करने में सफल रहा। इसके अलावा भाजपा का विजयी रथ लगातार दौड़ रहा है और इस समय देश के 21 राज्यों में भाजपा की अपने बलबूते सरकार है अथवा वह राजग सरकार में हिस्सेदार है। इस तरह से देश की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी पर भाजपा का राज है।

एकात्म मानववाद का सिद्धांत

भाजपा की विचारधारा "एकात्म मानववाद" पर आधारित है। यह अवधारणा सर्वप्रथम 1965 में दीनदयाल उपाध्याय ने दी थी। आज भाजपा 11 करोड़ से ज्यादा की सदस्यता वाला राजनीतिक संगठन है और इस लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। पार्टी को हाल ही में विचारधारा के स्तर पर सबसे बड़ी जीत तब मिली जब उसने वाम ताकतों के गढ़ त्रिपुरा में माकपा का शासन ढहा दिया और पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई।

भाजपा संगठन की संरचना

भाजपा में अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और वह लगातार दो बार अध्यक्ष रह सकता है साथ ही पार्टी में संगठन महासचिव महत्वपूर्ण भूमिका में होता है। पार्टी के सभी महत्वपूर्ण फैसले संसदीय बोर्ड द्वारा किये जाते हैं और हर तीन माह में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के कार्यों की समीक्षा और आगे की रणनीति तय की जाती है। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में भाजपा के सभी सांसद, विधायक, पार्षद और पार्टी के सभी पदाधिकारी शामिल होते हैं।

भाजपा ने संगठन के लिहाज से दायरा बढ़ाने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा, भारतीय जनता महिला मोर्चा, एससी-एसटी मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा आदि भी बनाये हुए हैं। पार्टी से जुड़ी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) है। भाजपा को आरएसएस की राजनीतिक इकाई माना जाता है लेकिन पार्टी ने सदैव इस बात का खंडन किया है। वर्तमान में पार्टी अमित शाह की अध्यक्षता में अपना विजय रथ आगे बढ़ाती जा रही है।

-नीरज कुमार दुबे

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