उत्तर प्रदेश में सजने लगा चुनावी समर, महारथी बदलने लगे हैं खेमे, हो रही वादों की बौछार

up assembly elections
अशोक मधुप । Oct 23 2021 10:47AM

इस चुनाव में एक बात विशेष नजर आ रही है कि मुस्लिम मतदाताओं के वोट लेने के लिए उनके बारे में कोई दल अभी तक खुलकर कुछ नहीं कह रहा। सब चुप्पी लगाए हैं। लगता है कि उन्हें डर है कि कहीं हिंदू वोटर भाजपा के साथ न चला जाए।

उत्तर प्रदेश में चुनावी समर सजने लगा है। महारथी अपने अपने खेमे तलाश कर उनमें पहुंचने लगे हैं। चुनावी समर के मतदाता रूपी सैनिकों को धर्म, संप्रदाय, आरक्षण और उल्टे सीधे लालच देकर लुभाने की कोशिश चल रही है। वायदों की बौछार शुरू हो गई है। मतदाताओं को लुभाने का लिए शतरंज की बिसात बिछने लगी है। अभी देर है देखिए चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलित वोटरों के बूते पर पैसे लेकर टिकट देने को मशहूर बसपा में इस बार भगदड़ मची हुई है। उसके वर्तमान विधायक और नेतागण अन्य दलों में भाग रहे हैं। लगता है कि शायद उनको बसपा का दलित वोट खिसकता नजर आ रहा है। इसीलिए वे पाले बदल रहे हैं। ये ही हाल प्रदेश कांग्रेस का है। बसपा के पूर्व सांसद कादिर राणा, बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरएन कुशवाह ने सपा का दामन थाम लिया। बुंदेलखंड के कांग्रेस प्रभारी व पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी और पूर्व विधायक उरई विनोद चतुर्वेदी भी अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुए। बसपा के पूर्व एमएलसी और ब्राह्मण नेता सुबोध पाराशर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।

इसे भी पढ़ें: प्रियंका गांधी की यूपी में सक्रियता से परेशान सपा मुकाबले में डिंपल यादव को उतारेगी

नेताओं की भागदौड़ जारी है। सब अपनी−अपनी गोट बिछाने में लगे हैं। सपा−भाजपा से सौदेबाजी कर रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया। इसका ऐलान अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने प्रेस कांफ्रेंस कर किया। उन्होंने कहा कि हमारी अखिलेश यादव के साथ सहमति बन गई है। लोग भाजपा से परेशान हैं। हम उन्हें सत्ता से हटाने के लिए साथ आए हैं। रालोद का भी सपा से गठबंधन की बात लगभग फाइनल स्टेज में है। बस सीटों का बंटवारा होना बचा है।

अभी तक आम आदमी पार्टी ही 300 यूनिट बिजली फ्री देने के दावे कर रही थी। अब कांग्रेस ने यूपी चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया ही था कि अब गुरुवार को एक और घोषणा की है। उसने ऐलान किया है कि प्रदेश में सरकार बनने पर इंटर पास छात्राओं को एक-एक स्मार्ट फोन वितरित किया जाएगा। वहीं, ग्रेजुएट हो चुकी छात्राओं को इलेक्ट्रॉनिट स्कूटी दी जाएगी। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी यूपी से अपनी पार्टी के लड़ने की घोषणा की है, पर इनके लड़ने से भाजपा पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। प्रदेश में भाजपा की सरकार वह सब कार्य कर रही है जो उसे करना चाहिए। पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस का 25 फीसदी आहार भत्ता बढ़ाने और दो हजार रुपये मोबाइल खर्च देने का ऐलान किया। आंगनवाड़ी और होमगार्ड के लिए कुछ दिन पूर्व ऐसी ही घोषणा हो चुकी हैं। प्रत्येक जिले में मेडिकल कालेज बन रहे हैं। योजनाओं के शिलान्यास पर काम चल रहा है। सपा भी जनता से सम्पर्क में लगी हुई है। इस चुनाव में एक बात विशेष नजर आ रही है कि मुस्लिम मतदाताओं के वोट लेने के लिए उनके बारे में कोई दल अभी तक खुलकर कुछ नहीं कह रहा। सब चुप्पी लगाए हैं। लगता है कि उन्हें डर है कि कहीं हिंदू वोटर भाजपा के साथ न चला जाए।

इसे भी पढ़ें: न्यायपालिका ही क्यों, सभी जगह महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं ?

भाजपा के हिंदू वोटर को बांटने का प्रयास किया जा रहा है। मिहिरभोज की प्रतिमा को लेकर गूजर और चौहान तलवारें ताने हैं। दोनों मिहिर भोज को अपना माने हैं। एक विवाद के बाद अब तो दोनों पक्ष मिहिर भोज की जगह-जगह प्रतिमा लगा रहे हैं। गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत से प्रदेश के व्यापारियों में रोष है। अन्य दल इसका लाभ उठाने की कोशिश में हैं। लखीमपुर खीरी प्रकरण में केंद्र के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के विरुद्ध चल रही कार्रवाई की बात से प्रदेश का ब्राह्मण नाराज होने लगा था। बहरहाल... चुनाव अभी कुछ महीने दूर हैं लेकिन राजनीतिक सरगर्मी परवान चढ़ने लगी है।

-अशोक मधुप

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़