Vishwakhabram: China के फेंके हुए कर्ज के जाल में फँस कर इस बार Nepal हो गया कंगाल
चीन नेपाल को अपने कर्ज के बोझ तले दबा चुका है और उसके कुछ क्षेत्रों को एक तरह से अपने कब्जे में भी ले चुका है। यही नहीं, चीन ने पोखरा एअरपोर्ट के जरिये नेपाल को करोड़ों डॉलर होने की आमदनी का ऐसा सपना दिखाया कि भारत का यह पड़ोसी देश उसके चंगुल में बुरी तरह फँस गया।
चीन जब किसी को फँसाने की योजना बना ले तो उससे बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है। चीन विभिन्न देशों को सब्जबाग दिखाने से पहले ऐसा मंत्रमुग्ध करता है कि उन्हें होश ही नहीं रहता कि वह ड्रैगन की चाल में फँसने जा रहे हैं। उदाहरण के लिए चीन वर्षों से पाकिस्तान को मदद देने के नाम पर उसकी जमीन और संसाधन लूट रहा है। हालत यह हो गयी है कि चीन का ब्याज चुकाते चुकाते पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर पहुँच गया है। यही हाल दक्षिण एशिया के कुछ और देशों का भी है। इनमें मालदीव, श्रीलंका और नेपाल प्रमुख हैं। मालदीव और श्रीलंका को तो भारत ने फिर भी किसी तरह बचा रखा है लेकिन नेपाल ने भारत की नहीं सुनने की ठान ली थी जिसका परिणाम वह अब भुगत रहा है।
हम आपको बता दें कि चीन नेपाल को अपने कर्ज के बोझ तले दबा चुका है और उसके कुछ क्षेत्रों को एक तरह से अपने कब्जे में भी ले चुका है। यही नहीं, चीन ने पोखरा एअरपोर्ट के जरिये नेपाल को करोड़ों डॉलर की आमदनी होने का ऐसा सपना दिखाया कि भारत का यह पड़ोसी देश उसके चंगुल में बुरी तरह फँस गया। हम आपको बता दें कि चीन ने अपनी कंपनियों को ठेका देकर नेपाल में पोखरा एअरपोर्ट का निर्माण करवाया और नेपाल को झांसा दिया कि इससे उनके देश में पर्यटन बढ़ेगा। चीन ने दावा किया था कि नेपाल के इस हवाई अड्डे पर 2025 तक करीब तीन लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री आने लगेंगे। लेकिन हो गया इसका उल्टा। एक तो इस एअरपोर्ट को बनाने के लिए नेपाल ने चीन से 21 करोड़ 50 लाख डॉलर का जो कर्ज लिया था उसका ब्याज देना ही इस समय काठमांडू को भारी पड़ रहा है। दूसरा पोखरा एअरपोर्ट का जबसे उद्घाटन हुआ है तबसे यहां सिर्फ नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड का ही विमान उतरा है। इसके अलावा इस साल के शुरू में इस हवाई अड्डे के पास एक विमान हादसे में कई लोगों के मारे जाने के बाद इसे भूतिया एअरपोर्ट कहा जाने लगा है। यही नहीं, चीन ने कहा था कि यहां लाखों अंतरराष्ट्रीय यात्री आयेंगे लेकिन सच यह है कि यहां एक भी अंतरराष्ट्रीय एअरलाइन नहीं आती। ऐसे में यह एअरपोर्ट वीरान पड़ा हुआ है।
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देखा जाये तो पोखरा एअरपोर्ट बनाकर नेपाल का भी ठीक वही हाल हो गया है जो पाकिस्तान का हुआ। हम आपको बता दें कि पाकिस्तान में ग्वादर के विकास के नाम पर चीन ने इस्लामाबाद पर अरबों डॉलर का कर्ज लाद दिया है। इस समय की हकीकत यह है कि चीन बीआरआई परियोजना के नाम पर पाकिस्तान को अपना आर्थिक गुलाम बना चुका है। दरअसल चीन पाकिस्तान के ग्वादर से लेकर अपने शिंजियांग प्रांत तक सीपीईसी कॉरिडोर बना रहा है। इस परियोजना में जो पैसा लगा है वह चीन ने पाकिस्तान को कर्ज के तौर पर दिया है। देखा जाये तो चीन ने भारत के पड़ोसी देशों को कर्ज बांटना इसलिए शुरू किया ताकि वह उन्हें अपने प्रभाव में लाकर इस इलाके में अपना प्रभुत्व कायम कर सके। शुरू में चीन से पैसा मिलने पर पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव खुश तो बहुत हुए लेकिन चीन के उद्देश्य का पता चलते ही उनकी सारी खुशी गायब हो गयी। अब नेपाल गहरी चिंता में है क्योंकि चीन ने उसे सारा लोन वापस करने के लिए 2026 तक का समय दिया है लेकिन नेपाल के लिए जब अपना सामान्य खर्च चलाना ही मुश्किल हो रहा है तो वह ऐसे में महंगे कर्ज का ब्याज कहां से चुकायेगा? इसके अलावा चीन ने नेपाल के पोखरा एअरपोर्ट को भी अपने बीआरआई का हिस्सा बता कर नेपाल के होश उड़ा दिये हैं। देखना होगा कि भारत के पड़ोसी देशों के सर पर से चीन के कर्ज का भूत कब तक और कैसे उतर पाता है?
-नीरज कुमार दुबे
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