समुद्र की गहराई में छिपे हैं एक नई अर्थव्यवस्था के सूत्र

Deep Ocean Mission

‘डीप ओशन मिशन’ का मुख्य लक्ष्य समुद्री संसाधनों को चिह्नित कर ब्लू इकोनॉमी को गति प्रदान करना है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गहरे समुद्र में बायोफूलिंग (जैविक दूषण) तथा जीवन की उत्पत्ति संबंधी अध्ययन के लिए पाँच वर्ष की अवधि के लिए 58.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

भारतीय समुद्री सीमा में गहरे समुद्र का अन्वेषण करने के लिए कुछ समय पूर्व ‘डीप ओशन मिशन’ शुरू किया गया है। ‘डीप ओशन मिशन’ के उद्देश्यों में गहरे समुद्र से संबंधित स्थितियों, जीवन अनुकूल अणुओं, तथा जैविक संघटकों की रचना संबंधी अध्ययन शामिल है, जो पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति पर प्रकाश डालने का प्रयास करेगा।

इसे भी पढ़ें: आईआईएससी और मेलबर्न विश्वविद्यालय शुरू करेंगे संयुक्त पीएचडी

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष; डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा यह जानकारी संसद में प्रदान की गई है। पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग जल से घिरा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के समुद्री जीव-जंतु पाये जाते है। गहरे समुद्र के लगभग 95.8% भाग मनुष्य के लिए आज भी एक रहस्य हैं। गहरे समुद्र में छिपे इन रहस्यों को उजागर करने के लिए ‘डीप ओशन मिशन’ शुरू किया गया है। ‘डीप ओशन मिशन’ को आरंभ में पाँच वर्ष के लिए मंजूरी मिली है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से किये जा रहे इस अध्ययन के समन्वय की जिम्मेदारी पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय को सौंपी गई है। 

‘डीप ओशन मिशन’ का मुख्य लक्ष्य समुद्री संसाधनों को चिह्नित कर ब्लू इकोनॉमी को गति प्रदान करना है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गहरे समुद्र में बायोफूलिंग (जैविक दूषण) तथा जीवन की उत्पत्ति संबंधी अध्ययन के लिए पाँच वर्ष की अवधि के लिए 58.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जैविक दूषण; सूक्ष्मजीवों, पौधों, शैवाल, या सूक्ष्मजीवों के जमाव को कहते हैं। जलस्रोतों में ऐसी स्थिति का एक उदाहरण जहाजों और पनडुब्बी पतवारों पर जैविक पदार्थों का जमाव है।

इसे भी पढ़ें: डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल विचाराधीन: डॉ जितेंद्र सिंह

इस मिशन के छह प्रमुख उद्देश्य हैं। इनमें गहरे समुद्र में खनन और मानव युक्त पनडुब्बी के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास, महासागर जलवायु परिवर्तन परामर्श सेवाओं का विकास, गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज एवं संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार, गहरे समुद्र में सर्वेक्षण व अन्वेषण, समुद्र से ऊर्जा एवं ताजा पानी प्राप्त करना, और समुद्री जीव-विज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन विकास शामिल है।

समुद्र में छह हजार मीटर नीचे कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। इन खनिजों के बारे में अध्ययन नहीं हुआ है। इस मिशन के तहत इन खनिजों के बारे में अध्ययन एवं सर्वेक्षण का काम किया जाएगा, और इसके अलावा जलवायु परिवर्तन एवं समुद्र के जलस्तर के बढ़ने सहित गहरे समुद्र में होने वाले परिवर्तनों के बारे में भी अध्ययन किया जाएगा। 

(इंडिया साइंस वायर)

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़