Avoid Ghosting in Relationships । किसी को घोस्ट कर दिल दुखाने से पहले, जानें एक्सपर्ट की ये खास सलाह

रिलेशनशिप एक्सपर्ट के अनुसार, किसी को बेवजह उम्मीद देने या अचानक गायब होने से बेहतर है कि आप अपनी भावनाओं और रिश्ते की सच्चाई को साफ-साफ बताएं। यह तरीका सामने वाले को क्लोजर देता है और उन्हें खुद को दोषी मानने या ओवरथिंक करने से बचाता है, जिससे स्वस्थ संबंध बनाए जा सकते हैं।
आज के समय में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि लोग जिम्मेदार बातचीत से बचने लगे हैं। किसी को इग्नोर करना या बिना बताए अचानक गायब हो जाना आसान लगने लगा है, लेकिन इसका असर बहुत गहरा होता है। सामने वाला व्यक्ति सोचने लगता है कि उसने ऐसा क्या गलती कर दी, क्यों उसकी कद्र नहीं हो रही, और क्या वह रिश्ते के लायक ही नहीं है। धीरे-धीरे यह बात उसके आत्मविश्वास और मानसिक शांति को प्रभावित करती है। जब कोई बिना वजह जवाब देना बंद कर देता है, तो सामने वाला क्लोजर यानी वजह जानने का अवसर भी खो देता है। वह लगातार अंदाजे लगाता रहता है, खुद को दोषी मानता है और बेचैनी में उलझा रहता है।
असल में, आपकी एक चुप्पी उसके मन में दर्जनों सवाल खड़े कर देती है। इसलिए रिश्ते को संभालने का बेहतर तरीका यह नहीं है कि आप गायब हो जाएं, बल्कि यह है कि आप ईमानदारी से अपनी स्थिति साफ-साफ बताएं, ताकि दूसरा व्यक्ति आहत न हो और खुद के बारे में गलत धारणाएं न बना ले।
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रिलेशनशिप कोच जवाल भट्ट ने बताया कि रिश्तों में बातचीत ही सबसे जरूरी है। अगर आप किसी से दूर होना चाहते हैं या आपकी रुचि कम हो गई है, तो सीधे और सम्मानजनक तरीके से बात करना बेहतर होता है।
तो करें क्या?
तो ऐसे हालात में सही तरीका यह है कि आप भागने या चुप रहने के बजाय खुलकर बात करें। अगर आप सच में व्यस्त हैं, तो यह बताना बहुत आसान है कि आप कब तक फ्री होंगे और कब बातचीत कर पाएंगे। इससे सामने वाले को यह भरोसा मिलता है कि आप कनेक्शन तोड़ नहीं रहे, बस फिलहाल समय कम है।
अगर किसी बात से आपको ठेस पहुंची है या आप असहज महसूस कर रहे हैं, तो उसे अंदर दबाने के बजाय शांत और सम्मानजनक तरीके से व्यक्त करें, ताकि गलतफहमी बनने से पहले ही दूर हो जाए।
और अगर आपको महसूस होता है कि आप इस रिश्ते में आगे नहीं बढ़ना चाहते या आपकी रुचि खत्म हो गई है, तो उसके बारे में ईमानदारी से बता देना, सामने वाले को बेवजह उम्मीद देने से कहीं बेहतर है। एक साफ जवाब दर्दनाक हो सकता है, लेकिन लंबे समय तक अटकाए रखना उससे ज्यादा तकलीफदेह होता है।
रिश्तों में ईमानदारी और साफ बातचीत से चीजें बहुत आसान हो जाती हैं। किसी को मानसिक रूप से परेशान करना या ओवरथिंक करने पर मजबूर करना किसी भी स्तर पर ठीक नहीं है।
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याद रखें कि खुलकर बात करना मुश्किल नहीं है, बस एक हिम्मत और थोड़ी सी संवेदनशीलता चाहिए। अगर ईमानदारी से बातचीत करने के बाद भी सामने वाला समझ न पाए, तो वह उनकी समस्या है। बार-बार सफाई देना आपका काम नहीं है।
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