अब्दुल्लाओं और मुफ्तियों की एकजुटता का कारण 'लूट' की अपनी दुकान बंद हो जाना है

farooq mehbooba omar

अब चूँकि यह सभी नेता हिरासत से आजाद हो चुके हैं तो विषवमन पर उतर आये हैं। इन्हें पता है कि अब विधानसभा तो है नहीं कि चुनाव लड़कर यह लोग जनता को बरगला कर जीत हासिल कर लें और अपनी सरकार बना कर वापस लूट मचा सकें।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य धारा के राजनीतिक दलों ने एक बैठक कर पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए गठबंधन बनाने की घोषणा की है। एक ओर केंद्र सरकार दोनों नवगठित केंद्र शासित प्रदेशों को जरूरी सहायता राशि देकर विकास की राह पर आगे बढ़ा रही है तो दूसरी ओर यह नवगठित गठबंधन इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों से वार्ता भी शुरू करेगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तो इस सप्ताह एक टीवी समाचार चैनल से बातचीत में कह ही चुके हैं कि हम चीन की मदद से अनुच्छेद 370 की वापसी करा लेंगे। महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लेकर दिनदहाड़े लूट की है।

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अब चूँकि यह सभी नेता हिरासत से आजाद हो चुके हैं तो विषवमन पर उतर आये हैं। इन्हें पता है कि अब विधानसभा तो है नहीं कि चुनाव लड़कर यह लोग जनता को बरगला कर जीत हासिल कर लें और अपनी सरकार बना कर वापस लूट मचा सकें। अब यह लोग या तो पंचायत का चुनाव लड़ें या लोकसभा का। पंचायत का चुनाव यह लड़ेंगे नहीं और लोकसभा की सीटें इतनी नहीं हैं कि यह सारे नेता चुनाव लड़ सकें। उस पर भी जनता इतनी जागरूक हो गयी है कि इन सत्तालोलुप नेताओं को खदेड़ने में लगी हुई है।

फारूक अब्दुल्ला के आवास पर हुई बैठक में अब्दुल्ला परिवार के अलावा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीपल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर और माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने भी हिस्सा लिया। बैठक में नेताओं ने गठबंधन बनाने का निर्णय किया, जिसका नाम ‘पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन’ रखा गया है। यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर के संबंध में संवैधानिक स्थिति बहाल करने के लिए प्रयास करेगा, जैसा पिछले वर्ष पांच अगस्त से पहले था।

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जहाँ तक गुपकार घोषणा की बात है तो बता दें कि फारूक अब्दुल्ला के कश्मीर में गुपकार रोड स्थित आवास पर 4 अगस्त, 2019 को आठ स्थानीय राजनीतिक दलों ने एक बैठक की थी। उस समय पूरे देश में असमंजस की स्थिति थी कि आखिर मोदी सरकार कश्मीर में क्या कदम उठाने जा रही है। उस दौरान कश्मीर के राजनीतिक दलों ने एक बैठक कर प्रस्ताव पारित किया था जिसे गुपकार घोषणा का नाम दिया गया। इन कश्मीरी राजनीतिक दलों ने 22 अगस्त, 2020 को फिर से बैठक कर गुपकार घोषणा-दो पर हस्ताक्षर कर अनुच्छेद 370 और 35ए की वापसी की लड़ाई को एक साथ लड़ने का संकल्प लिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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