एशियाई मुक्केबाज चैम्पियनशिप में अमित पंघाल ने लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता

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राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक सिंह (49 किलो) और कविंदर सिंह बिष्ट (56 किलो) को रजत पदक मिले। पंघाल ने आक्रामक अंदाज में खेलना शुरू किया और विरोधी के पास उनके हमलों का कोई जवाब नहीं था।

बैंकाक। भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किलो) ने एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता जबकि दो अन्य को रजत पदक मिले। पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले पंघाल ने कोरिया के किम इंक्यू को हराया। उन्होंने बुल्गारिया में स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक जीता था। इस साल की शुरूआत में 49 किलो से 52 किलो में आने के बाद पंघाल का यह पहला टूर्नामेंट है । उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता था। 

राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक सिंह (49 किलो) और कविंदर सिंह बिष्ट (56 किलो) को रजत पदक मिले। पंघाल ने आक्रामक अंदाज में खेलना शुरू किया और विरोधी के पास उनके हमलों का कोई जवाब नहीं था। इससे पहले दीपक को उजबेकिस्तान के नोदिरजोन मिर्जामेदोव ने बंटे हुए फैसले पर हराया। भारतीय दल ने रैफरी को रिव्यू के लिये पीला कार्ड भी दिया जो इस साल प्रायोगिक आधार पर टूर्नामेंट में शुरू किया गया है। इसके तहत कोचों के पास किसी फैसले के खिलाफ अपील करने के लिये एक मिनट का समय होता है। 

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मुकाबले के स्लो मोशन फुटेज रैफरी देखता है तो उस पर अंतिम फैसला लेता है। संबंधित टीम के पक्ष में फैसला नहीं आने पर राष्ट्रीय महासंघ को 1000 डालर जुर्माना देना पड़ता है। भारत के हाई परफार्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा कि हम फैसला बदला नहीं सके लेकिन विरोध दर्ज कराया। बिष्ट को उजबेकिस्तान के मिराजिजबेक मिर्जाहेलिलोव ने मात दी। उत्तराखंड का यह मुक्केबाज दाहिनी आंख पर पट्टी बांधकर खेल रहा था चूंकि सेमीफाइनल में उसे चोट लगी थी। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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