आस्ट्रेलिया ओपन में नए टाईब्रेक नियम को लेकर फेडरर, कर्बर सतर्क
इस नियम के बाद अब चारों ग्रैंडस्लैम में अलग-अलग नियम हैं। फ्रेंच ओपन में अब भी निर्णायक सेट में टाईब्रेक का इस्तेमाल नहीं होता।फेडरर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को मैराथन सेट की कमी खलेगी।
पर्थ। स्टार खिलाड़ियों रोजर फेडरर और एंजेलिक कर्बर ने आस्ट्रेलिया ओपन के निर्णायक सेट में नए टाईब्रेक नियमों का सतर्कता के साथ स्वागत किया है। साल का पहला ग्रैंडस्लैम 14 जनवरी से शुरू होगा और इसमें अंतिम सेट में 6-6 से स्कोर बराबर होने के बाद पहली बार पारंपरिक पूर्ण सेट की जगह विस्तृत टाईब्रेक खेल जाएगा। निर्णायक टाईब्रेक को जीतने के लिए खिलाड़ी को पहले 10 अंक तक पहुंचना होगा और इस दौरान कम से कम दो अंक का अंतर होना चाहिए।
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इस नियम के बाद अब चारों ग्रैंडस्लैम में अलग-अलग नियम हैं। फ्रेंच ओपन में अब भी निर्णायक सेट में टाईब्रेक का इस्तेमाल नहीं होता।फेडरर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को मैराथन सेट की कमी खलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पांचवें सेट में 70-68 के स्कोर की कमी खलेगी, यह निराशाजनक है।’’ वह 2010 विंबलडन में जान इसनर और निकोलस माहुत के बीच मैराथन अंतिम सेट के संदर्भ में बोल रहे थे।
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फेडरर ने कहा, ‘‘मुझे किसी भी प्रारूप से कोई परेशानी नहीं है।’’ अपनी बेहतरीन फिटनेस के लिए जानी जाने वाली कर्बर ने कहा, ‘‘मुझे शारीरिक रूप से कड़े मैच पसंद हैं और अगर आप आस्ट्रेलिया आ रहे हो तो आपको काफी फिट होने की जरूरत है।’’ अन्य ग्रैंडस्लैम में विंबलडन में 2019 से निर्णायक सेट में 12-12 के स्कोर पर टाईब्रेक का इस्तेमाल होगा जबकि अमेरिकी ओपन में 6-6 के स्कोर पर पारंपरिक टाईब्रेक होगा। फ्रेंच ओपन में अंतिम सेट में टाईब्रेक का इस्तेमाल नहीं होता।
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