पेरिस ओलंपिक पर भारतीय महिला हॉकी टीम की नजरें, अमेरिका के खिलाफ अभियान का आगाज

Indian Womens Hockey team
प्रतिरूप फोटो
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भारतीय महिला हॉकी टीम एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर में शनिवार को अमेरिका के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी तो उसकी नजरें अपने मैदान पर खेलने का फायदा उठाते हुए पेरिस का टिकट कटाने पर लगी होंगी।

एशियाई खेलों में तीसरे स्थान पर रहने की निराशा से उबरते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर में शनिवार को अमेरिका के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी तो उसकी नजरें अपने मैदान पर खेलने का फायदा उठाते हुए पेरिस का टिकट कटाने पर लगी होंगी।

मेजबान भारत, जर्मनी, चेक गणराज्य, इटली, जापान, अमेरिका, चिली और न्यूजीलैंड यहां पेरिस ओलंपिक क्वालीफायर में खेलेंगे। पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेले जायेंगे। दुनिया की पांचवें नंबर की टीम जर्मनी को सर्वोच्च रैंकिंग मिली है जबकि भारत छठे स्थान पर है। न्यूजीलैंड रैंकिंग में नौवे स्थान पर है जबकि जापान 11वें, चिली 14वें, अमेरिका 15वें, इटली 19वें और चेक गणराज्य 25वें स्थान पर है।

भारत को पूल बी में न्यूजीलैंड, इटली, अमेरिका के साथ रखा गया है। वहीं जर्मनी, पूर्व एशियाई चैम्पियन जापान, चिली और चेक गणराज्य पूल ए में हैं। अमेरिका के बाद भारत को 14 जनवरी को न्यूजीलैंड और 16 जनवरी को इटली से खेलना है। सेमीफाइनल 18 जनवरी को और फाइनल 19 जनवरी को होगा। भारत और अमेरिका ने 1983 के बाद से एक दूसरे के खिलाफ 15 बार खेला है जिसमें से नौ बार अमेरिका ने जीत दर्ज की जबकि भारत चार ही बार जीत सका और दो मैच ड्रॉ रहे।

रैंकिंग में नीचे होने के बावजूद अमेरिकी टीम खतरनाक साबित हो सकती है। भारत की मुख्य कोच यानेके शॉपमैन ने टूर्नामेंट से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ हम एशियाई खेलों के जरिये ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने से चूक गए लेकिन अब वह बीती बात है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हमें इस टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन का यकीन है। हमें पहले से बेहतर प्रदर्शन करना होगा और अगर ऐसा कर सके तो हम ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर पायेंगे।’’

टूर्नामेंट से नौ दिन पहले भारत की अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया अभ्यास के दौरान चेहरे की हड्डी में फ्रेक्चर के कारण बाहर हो गई। हाल ही में भारत के लिये 300 अंतरराष्ट्रीय मैच पूरे करने वाली वंदना फॉरवर्ड पंक्ति की धुरी थी। उनकी जगह बलजीत कौर ने ली। टीम को वंदना की कमी खलेगी जो एक दशक से भारतीय टीम का अभिन्न अंग रही है और रियो ओलंपिक से तोक्यो ओलंपिक तक सारे बड़े टूर्नामेंट खेले हैं। वह ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारत को पेनल्टी कॉर्नर में भी सुधार करना होगा जो लंबे समय से समस्या रही है।

टूर्नामेंट से ठीक पहले भारत के पूर्व ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने खिलाड़ियों को अभ्यास कराया है। शॉपमैन ने कहा ,‘‘ रूपिंदर काफी अनुभवी खिलाड़ी है और उसे पता है कि डी के भीतर दबाव का सामना कैसे करना है। उसके सत्र से गुरजीत कौर और दीपिका को काफी मदद मिली।’’

वंदना की गैर मौजूदगी में लालरेमसियामी, संगीता कुमारी, दीपिका और बलजीत पर दबाव होगा जबकि डिफेंस में निक्की प्रधान, उदिता, इशिका चौधरी और मोनिका होंगे। मिडफील्ड का जिम्मा निशा, नेहा, सलीमा टेटे, नवनीत कौर जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर होगा। गोलकीपिंग में कप्तान सविता का अनुभव काम आयेगा। पहले दिन जर्मनी का सामना चिली से, जापान का चेक गणराज्य से और न्यूजीलैंड का इटली से होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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