इंदरजीत ने डोप नतीजों में विसंगति का दावा किया

[email protected] । Aug 12 2016 10:53AM

इंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि हो सकता है कि उनके डोप नमूने से छेड़छाड़ की गई क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने 29 जून को लिए गए उनके नमूने के दो अलग नतीजे दिए हैं। नाडा ने हालांकि इस दावे को खारिज किया है।

नयी दिल्ली। पिछले महीने प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजीटिव पाए गए भारत के चक्का फेंक खिलाड़ी इंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि हो सकता है कि उनके डोप नमूने से छेड़छाड़ की गई क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने 29 जून को लिए गए उनके नमूने के दो अलग नतीजे दिए हैं। नाडा ने हालांकि इस दावे को खारिज किया है। मौजूदा रियो ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के 36 ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों में से एक इंदरजीत ने प्रेस कांफ्रेंस में दस्तावेज बांटे जिसमें दर्शाया गया है कि राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला ने हैदराबाद में 29 जून को राष्ट्रीय अंतर राज्यीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के दौरान उनके ए नमूने के दो अलग अलग नतीजे दिए हैं। जून 29 के नमूना कोड 6172967 की ‘आकलन रिपोर्ट’ के अनुसार कोई प्रतिबंध पदार्थ नहीं पाया गया और इस पर 11 जुलाई 2016 को एनडीटीएल की वैज्ञानिक निदेशक अलका बियोत्रा ने हस्ताक्षर किए हैं। ए नमूने की नमूना कोड 6172967 की ही एक अन्य आकलन रिपोर्ट में प्रतिबंधित पदार्थों के अंश को दिखाया गया है और इस पर भी चार अगस्त 2016 को एनडीटीएल की उसी वैज्ञानिक निदेशक ने हस्ताक्षर किए हैं। इंदरजीत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे फंसाने, मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने और मुझे ओलंपिक में जाने से रोकने के लिए साजिश रची गई है। मैं अंत तक इस मामले को लडूंगा। कैसे एक ही प्रयोगशाला एक की नमूना कोड वाले समान नमूने पर दो अलग नतीजे दे सकती है।''

नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने हालांकि इंदरजीत के दावे को खारिज करते हुए कहा किए एनडीटीएल की रिपोर्ट में कोई खामी नहीं है क्योंकि पहली रिपोर्ट (जिसमें कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं बताया गया है) शुरूआती रिपोर्ट हैं जबकि दूसरी (जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ की जानकारी है) उसी नमूने की अंतिम रिपोर्ट है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘विसंगति कहां है। एनडीटीएल दो रिपोर्ट दे सकता है, पहली शुरूआती और दूसरी अंतिम। शुरूआती रिपोर्ट कह सकती है कि कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं है। यह (शुरूआती रिपोर्ट) सीमित पहलुओं पर परीक्षण है। इसमें शायद कुछ पदार्थ सामने नहीं आएं। अंतिम रिपोर्ट में प्रतिबंधित पदार्थ सामने आ सकते हैं क्योंकि यह अधिक विस्तृत रिपोर्ट होती है।''

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