पहली बार 74 खिलाड़ियों को ‘वर्चुअली' दिया गया राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

पहली बार खिलाड़ियों को ‘वर्चुअली’ राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।इस साल 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चुना गया जिसमें पांच को खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें से 60 खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण के 11 केंद्रों से वर्चुअल समारोह में हिस्सा लिया।

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 महामारी के कारण शनिवार को ऑनलाइन आयोजित किये गये समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़यों को सालाना राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जो कई शहरों से ‘लाग इन’ हुए। इस साल 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चुना गया जिसमें पांच को खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें से 60 खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण के 11 केंद्रों से वर्चुअल समारोह में हिस्सा लिया। क्रिकेटर रोहित शर्मा (खेल रत्न) और इशांत शर्मा (अर्जुन पुरस्कार) समारोह में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे इंडियन प्रीमियर लीग की प्रतिबद्धता के लिये संयुक्त अरब अमीरात में हैं जबकि स्टार पहलवान विनेश फोगाट (खेल रत्न) और बैडमिंटन खिलाड़ी सत्विकसाइराज रंकीरेड्डी (अर्जुन पुरस्कार) को कोविड-19 पॉजिटिव पाये जाने के बाद समारोह से हटना पड़ा। रोहित और विनेश के अलावा तीन अन्य खेल रत्न पुरस्कार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, पैरालंपिक स्वर्ण पदकधारी मरियप्पन थांगवेलु और महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल को दिये गये जिन्होंने समारोह में हिस्सा लिया। मनिका ने पुणे से जबकि थांगवेलु और रानी ने भारतीय खेल प्राधिकरण के बंगलुरू केंद्र से ‘लॉग इन’ किया। राष्ट्रपति कोविंद ने भाग लेने वाले पुरस्कार विजेताओं की प्रशंसा की जिनके नाम पुकारे गये और उनकी उपलब्धियों बतायी गयीं। हालांकि राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल की कमी महसूस हुई, जहां यह समारोह आयोजित किया जाता है।

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खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने समारोह शुरू होने से पहले कहा, ‘‘कोविड-19 के दौरान यह पहला पुरस्कार समारोह है जिसमें राष्ट्रपति उपस्थित हुए हैं। ’’ इस साल खिलाड़ियों के नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी की गयी है। आज सुबह खेल रत्न की पुरस्कार राशि को 25 लाख रूपये तक बढ़ा दिया गया जो पहले 7.5 लाख रूपये थी। अर्जुन पुरस्कार हासिल करने के लिये समारोह में 22 खिलाड़ी ऑनलाइन हुए, उन्हें 15 लाख रूपये दिये गये जो राशि पहले की तुलना में 10 लाख रूपये अधिक है। द्रोणाचार्य (आजीवन) पुरस्कारों की राशि पहले पांच लाख हुआ करती थी जिसे 15 लाख रूपये कर दिया है। वहीं नियमित द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं को 10 लाख रूपये प्रदान किये गये जो पहले पांच लाख रूपये होती थी। ध्यानचंद्र पुरस्कार विजेताओं को पांच लाख के बजाय 10 लाख रूपये दिये गये। कोविड-19 के कड़े प्रोटोकॉल के कारण पुरस्कार के 44 साल के इतिहास में पहली बार हुआ जब विजेता, मेहमान और अन्य गणमान्य व्यक्ति दरबार हॉल में इकट्ठा नहीं हो सके। राष्ट्रपति कोविंद ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और भरोसा जताया कि भारत 2028 लास एंजिलिस ओलंपिक में शीर्ष 10 देशों में शामिल रहने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। एक से अधिक घंटे समय तक चले समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई। आप सभी ने अपने प्रदर्शन से सभी भारतीयों को अविस्मरणीय क्षण प्रदान किये हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि प्रत्येक की भागीदारी के बूते किये गये सामूहिक प्रयासों से भारत एक खेल महाशक्ति के तौर पर सामने आयेगा। ’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य 2028 ओलंपिक खेलों में शीर्ष 10 पोडियम में रहने वाले देशों में शामिल होना है। हम निश्चित रूप से इस लक्ष्य को हासिल करेंगे। ’’ उन्होंने कहा कि भारत को खेल संस्कृति बनाने की जरूरत है और हर किसी को इसे हासिल करने के लिये काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व खेल महामारी से प्रभावित हैं लेकिन साथ ही उम्मीद जतायी कि खिलाड़ी इस अनुभव से मजबूत होकर निकलेंगे। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कोविड-19 ने विश्व खेलों को बहुत प्रभावित किया है। ओलंपिक खेल स्थगित हो चुके हैं। हमारे देश में भी सभी खेल गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। खिलाड़ी और कोच अभ्यास और टूर्नामेंट के रूकने से कम प्रेरित हो सकते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि खिलाड़ी इस परीक्षा से मानसिक रूप से और मजबूत होकर निकलेंगे और उपलब्धियों का नया इतिहास रचेंगे। ’’ इस साल अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वालों में स्टार धाविका दुती चंद, महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, गोल्फर अदिति अशोक और पुरूष हॉकी टीम स्ट्राइकर आकाशदीप सिंह शामिल थे।

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द्रोणाचार्य लाइफटाइम पुरस्कार आठ कोचों को दिया गया जिसमें तीरंदाजी कोच धर्मेंद तिवारी, नरेश कुमार (टेनिस), शिव सिंह (मुक्केबाजी) और रमेश पठानिया (हॉकी) शामिल हैं। नियमित वर्ग में हॉकी कोच ज्यूड फेलिक्स और निशानेबाजी कोच जसपाल राणा सहित पांच को द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया। शुक्रवार को एक दुखद घटना हुई जब द्रोणाचार्य (आजीवन) विजेता एथलेटिक्स कोच पुरूषोत्तम राय का दिल का दौरा पड़ने से बेंगलुरू में निधन हो गया। इस साल ध्यानचंद पुरस्कार 15 कोचों को दिया गया है जिसमें सुखविदंर सिंह संधू (फुटबॉल), तृप्ति मुर्गुंडे (बैडमिंटन) और नंदन बाल (टेनिस) शामिल हैं। गोल्फर अदिति अशोक और पूर्व फुटबॉलर सुखविंदर सिंह संधू इसमें हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि वे देश से बाहर हैं। केंद्रों पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया। बल्कि पुरस्कार विजेता पीपीई किट पहने दिखे। खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रत्येक पुरस्कार विजेता को केंद्र में आने से पहले कोविड-19 जांच से गुजरना पड़ा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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