ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार छत्रसाल हत्या मामले में गिरफ्तार, पुलिस कस्टडी में भेजा

Olympic medalist Sushil Kumar

करीब तीन सप्ताह से गिरफ्तार से बच रहे ओलंपिक पदक विजेता कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार को छत्रसाल स्टेडियम में हुए उस झगड़े के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें यहां एक पहलवान की मौत हो गई थी।

नयी दिल्ली। करीब तीन सप्ताह से गिरफ्तार से बच रहे ओलंपिक पदक विजेता कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार को छत्रसाल स्टेडियम में हुए उस झगड़े के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें यहां एक पहलवान की मौत हो गई थी। सुशील कुमार को बाद में दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया जिसने उसे छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) पी एस कुशवाह ने बताया कि सुशील कुमार (37) और उसके सहयोगी अजय उर्फ सुनील (48) को बाहरी दिल्ली के मुंडका क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

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मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ​​ने कुमार को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया जिसे अदालत में भौतिक रूप से पेश किया गया था। देश के लिए पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी ने अपने चेहरे को तौलिये से ढका हुआ था और उसके दोनों हाथों को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने पकड़ रखा था। दुर्भाग्य से यह सब कुछ विश्व कुश्ती दिवस के दिन हुआ। मामला स्टेडियम में गत चार मई को हुई उस घटना से संबंधित है जिसमें पहलवान सागर की मौत हो गई थी और उसके दो मित्र सोनू और अमित कुमार तब घायल हो गए थे जब उन पर सुशील कुमार और अन्य पहलवानों ने हमला किया था।

दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी, जो तब से फरार था। वहीं अजय कुमार की गिरफ्तारी के लिए 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। अदालत के अंदर करीब 30 मिनट तक सुशील कुमार से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने आगे की पूछताछ के लिए उसकी 12 दिन की हिरासत मांगी। कार्यवाही के दौरान राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि अपराध के पीछे की पूरी साजिश और मकसद का पता लगाने के लिए सुशील कुमार की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। अभियोजक ने कुमार की हिरासत का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया, ‘‘स्टेडियम में लगे कैमरे तोड़ दिये गए और वह उस जगह का डीडीआर साथ ले गया। उसे बरामद किया जाना है।’’ इससे पहले, दिल्ली की एक अदालत ने दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह प्रथम दृष्टया मुख्य साजिशकर्ता है और उसके खिलाफ आरोपों की प्रकृति गंभीर है। सुशील कुमार और छह अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। यह पहलवान के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए जाने के कुछ दिनों बाद हुआ है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 308, 365, 325, 323, 341 और 506 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है।

साथ ही मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 120-बी और 34 और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। इन घटनाओं से भारतीय खेल जगत स्तब्ध है। सुशील के साथ दो ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने पीटीआई-से कहा, ‘‘भारतीय खेलों के लिए उसने जो किया है उससे वह कभी नहीं छीना जा सकता। इस समय मैं बस यही कहना चाहता हूं। चीजें साफ होने दीजिए। मैं इससे अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहता।’’ चौथी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे अचंता शरत कमल ने स्वीकार किया कि इस घटना से भारतीय खेलों की छवि को नुकसान होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर असल में ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और सिर्फ कुश्ती नहीं बल्कि भारतीय खेलों पर गलत असर डालेगा।’’ शरत कमल ने कहा, ‘‘वह हमारे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है। लोग उससे प्रेरणा लेते हैं। इसलिए अगर उसने ऐसा किया है तो इसका सिर्फ पहलवानों के नहीं बल्कि अन्य खेलों के खिलाड़ियों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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