नये क्यूबाई कोच के मार्गदर्शन में Runner Priya Mohan की नजरें एशियाई खेलों में पदक पर

Priya Mohan
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प्रिया 2021 में 52 . 77 सेकंड के समय के साथ सबसे तेज 400 मीटर की धाविका बनी जब वह सिर्फ 18 साल की थी। दो साल बाद और दो विश्व अंडर 20 चैम्पियनशिप में पदक जीतने में नाकाम रहने के बाद उसने कहा कि अब नयी शुरूआत की जरूरत है।

हैमस्ट्रिंग चोट से उबरने के बाद ट्रैक पर लौटी प्रिया एच मोहन का लक्ष्य एक बार फिर देश की सबसे तेज 400 मीटर की धाविका बनकर आगामी एशियाई खेलों में क्यूबा के कोच एनियेर गार्सिया के मार्गदर्शन में पदक जीतने का है। प्रिया 2021 में 52 . 77 सेकंड के समय के साथ सबसे तेज 400 मीटर की धाविका बनी जब वह सिर्फ 18 साल की थी। दो साल बाद और दो विश्व अंडर 20 चैम्पियनशिप में पदक जीतने में नाकाम रहने के बाद उसने कहा कि अब नयी शुरूआत की जरूरत है। दो महीने पहले उसने लंबे समय से कोच रहे अर्जुन अजय से नाता तोड़ा जिन्होंने 2018 में एक राष्ट्रीय स्कूल टूर्नामेंट के तहत उसे तलाशा था।

अब वह क्यूबा के गार्सिया के मार्गदर्शन में कर्नाटक के बेल्लारी में अभ्यास कर रही है। उसने पीटीआई से कहा ,‘‘ इन चार साल में मेरे कैरियर में कई उतार चढाव आये। कई बार आप ऊपर जाते हैं और कई बार नीचे आ जाते हैं। खिलाड़ी के जीवन में नीचे आना जरूरी है क्योंकि इसके बाद वह मजबूती से वापसी कर पाता है।’’ उसने कहा ,‘‘ मैने नये कोच के साथ शुरूआत की है। यह नयी शुरूआत है। हमें बहुत सारे लक्ष्य हासिल करने हैं। मैं 2023 में सबसे तेज 400 मीटर की धाविका बनना चाहती हूं। मैं एशियाई खेलों में पदक जीतना चाहती हूं।’’ उसने 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। वह विश्व अंडर 20 चैम्पियनशिप में मिश्रित रिले चार गुणा 400 मीटर में कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य थी लेकिन 400 मीटर व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक नहीं जीत सकी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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