सात्विक और चिराग की जोड़ी अपने दूसरे सुपर 1000 खिताब से एक जीत दूर

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उन्होंने सही समय पर लय हासिल कर लगातार आठ अंक जुटा कर कोरिया की जोड़ी को हैरत में डालते हुए मैच जीत लिया। सात्विक और चिराग सबसे सफल भारत की पुरुष युगल जोड़ी है। इस जोड़ी ने एशियाई खेलों के बैडमिंटन में अपना और देश का पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा एशियाई चैंपियनशिप और इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 का खिताब भी जीता है।

एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने शनिवार को कोरिया की विश्व चैंपियन सेओ सेउंग जे और कांग मिन ह्युकडिश की जोड़ी को को सीधे गेम में हराकर मलेशिया ओपन सुपर 1000 पुरुष युगल फाइनल में प्रवेश किया। विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज भारतीय जोड़ी ने सत्र के अपने पहले टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में दूसरे गेम में शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की। सात्विक और चिराग की जोड़ी ने इस करीबी मुकाबले का पहला गेम 21-18 से जीता। दूसरे गेम में कोरिया की जोड़ी के पास छह गेम प्वाइंट लेकिन भारतीय जोड़ी ने लगातार आठ अंक जुटा कर इस गेम को 22-20 से जीतने के साथ फाइनल का टिकट पक्का किया। सात्विक और चिराग इस तरह अपने दूसरे सुपर 1000 खिताब से केवल एक कदम दूर है।

उन्होंने इस स्तर का अपना पहला खिताब पिछले साल जून में इंडोनेशियाई ओपन में जीता था। भारतीय जोड़ी ने इंडोनेशिया ओपन में भी इसी कोरियाई जोड़ी को हराया था। विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज कांग मिन और सेओ सेउंग के खिलाफ चार मैचों की भारतीय सात्विक और चिराग की जोड़ी की यह तीसरी जीत है। क्वार्टर फाइनल में एकतरफा जीत से उत्साहित भारतीय जोड़ी ने इस मुकाबले में भी 9-5 की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की। भारतीय जोड़ी ने इसके बाद शटल को दो बार कोर्ट के बाहर खेल दिया और कोरियाई की जोड़ी ने कुछ चतुराई भरी खेल से लगातार चार अंक बनाये। चिराग ने इसके बाद हैरतअंगेज शॉट खेलकर कोरिया के खिलाड़ियों को चौंका दिया। भारतीय जोड़ी एक बार फिर से चार अंक (17-13) की बढ़त बनाने में सफल रही।

भारतीय जोड़ी के पास इसके बाद चार गेम प्वाइंट थे और सेओ तथा कांग की जोड़ी ने अपने रक्षण के स्तर को ऊंचा किया। सात्विक और चिराग की जोड़ी तीसरे प्रयास में अंक हासिल कर पहला गेम जीत लिया। सेओ और कांग ने दूसरे गेम में सतर्क शुरुआत करने के बाद अपना दबदबा बनाना शुरू किया। इस जोड़ी ने 9-4 और फिर कुछ शानदार रैली के दम पर 11-6 की बढ़त के साथ भारतीय जोड़ी को परेशान किया। पहले गेम में सेओ बेहतर खिलाड़ी लगे तो वही दूसरे गे में कांग ने ज्यादा प्रभावित किया। कोरिया की टीम 17-11 से आगे थी और सात्विक तथा चिराग इस गेम में वापसी का की कोशिश कर रहे थे। सात्विक और चिराग ने 14-20 से पिछड़ने के बाद शानदार मानसिक माजबूती दिखाई जिससे कोरियाई जोड़ी ने कई बार शटल को नेट पर खेल दिया।

उन्होंने सही समय पर लय हासिल कर लगातार आठ अंक जुटा कर कोरिया की जोड़ी को हैरत में डालते हुए मैच जीत लिया। सात्विक और चिराग सबसे सफल भारत की पुरुष युगल जोड़ी है। इस जोड़ी ने एशियाई खेलों के बैडमिंटन में अपना और देश का पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा एशियाई चैंपियनशिप और इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 का खिताब भी जीता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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