Saurav Ghosal ने पेशेवर स्क्वाश से संन्यास लिया, लेकिन भारत के लिए खेलना जारी रखेंगे

Saurav Ghosal
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उन्होंने पीएसए टूर पर अपने 511 मैचों में से 281 जीते हैं। घोषाल के नाम 13 राष्ट्रीय खिताब जीतने का रिकॉर्ड भी है। उन्होंने इसमें से आखिरी खिताब 2020 में जीता था। घोषाल का खेल हालांकि अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और वह भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे।

नयी दिल्ली। भारत के सबसे बेहतरीन पुरूष स्क्वाश खिलाड़ियों में शामिल सौरव घोषाल ने सोमवार को पेशेवर सर्किट से संन्यास लेने की घोषणा की लेकिन वह अगले कुछ समय तक बहु-खेल स्पर्धाओं वाले आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे। पेशेवर सर्किट में 22 साल खेलने वाले घोषाल ने इंचियोन और हांग्झोउ एशियाई खेलों की टीम स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीतने के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते हैं।

उन्होंने ग्लासगो में 2022 विश्व युगल चैंपियनशिप में मिश्रित युगल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। घोषाल ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘मैंने 22 साल पहले ‘पीएसए विश्व टूर’ पर अपनी यात्रा शुरू की थी। उस समय मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं इतने लंबे समय तक पेशेवर स्क्वाश खेलूंगा। जब मैंने दुनिया भर में यात्रा की और कुछ बड़े मंचों खेलते हुए मैंने सोचा कि यह कभी ख़त्म नहीं होगा।’’

इस 37 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘लेकिन हर चीज का एक अंत होता है। यह संदेश लिखते समय मैं भावनाओं से अभिभूत हूं। यह खेल इतने वर्षों से मेरा जुनून, मेरी आजीविका और मेरी पहचान रहा है। इसलिए गर्व और दुख की मिश्रित भावनाओं के साथ मैं पीएसए से अपने संन्यास की घोषणा करता हूं।’’ कोलकाता में जन्में घोषाल दुनिया के शीर्ष 10 में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने अप्रैल 2019 में करियर की उच्चतम रैंकिंग हासिल की और छह महीने तक उसे बनाये रखने में सफल रहे। घोषाल ने 2003 में पीएसए में पदार्पण करने के बाद से 18 फाइनल में पहुंचकर 10 पीएसए खिताब जीते हैं।

उन्होंने पीएसए टूर पर अपने 511 मैचों में से 281 जीते हैं। घोषाल के नाम 13 राष्ट्रीय खिताब जीतने का रिकॉर्ड भी है। उन्होंने इसमें से आखिरी खिताब 2020 में जीता था। घोषाल का खेल हालांकि अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और वह भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि मैं प्रतिस्पर्धी स्क्वाश को पूरी तरह से अलविदा नहीं कह रहा हूं। मैं कुछ और समय तक भारत के लिए खेलना चाहूंगा। उम्मीद है कि मेरे अंदर संघर्ष करने की कुछ क्षमता बाकी है और मैं अपने देश के लिए कुछ और हासिल कर सकता हूं। तब तक, धन्यवाद।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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