स्थिर सरकार, अनुकूल नीतियों ने गुजरात में व्यापक आर्थिक वृद्धि को गति दी: अधिकारी

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सरकार के मुताबिक, राज्य का 13 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का पर्याप्त आधार भी इसे अलग बनाता है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) की कार्यकारी समिति के सदस्य सचिन के. पटेल ने कहा कि राज्य के मजबूत आर्थिक बुनियादी आधार और औद्योगिक कौशल ने न केवल उसका कद बढ़ाया है बल्कि देश के लिए एक मानक भी स्थापित किया है।

स्थिर सरकार और अनुकूल नीतियों के दम पर पिछले दो दशक में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन करते हुए गुजरात ने व्यापक आर्थिक संकेतकों में लगातार ऊंचे मानक स्थापित करके खुद को ‘‘भारत के विकास के इंजन’’ के रूप में स्थापित किया है। अधिकारियों ने यह बात कही है। गांधीनगर में 10 से 12 जनवरी को आयोजित होने वाले वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन से पहले अधिकारियों ने कहा कि गुजरात का भौगोलिक क्षेत्र भारत का केवल छह प्रतिशत हिस्सा है और उसमें देश की कुल आबादी का केवल पांच प्रतिशत हिस्सा बसता है... तब भी गुजरात ने सबसे अधिक औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों में से एक होने का गौरव हासिल किया है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान दरों के हिसाब से गुजरात ने वित्त वर्ष 2022-23 में 22.61 लाख करोड़ रुपये के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के साथ भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब आठ प्रतिशत का योगदान दिया। गुजरात के मुख्य सचिव राज कुमार ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि वर्तमान जीएसडीपी 22.61 लाख करोड़ रुपये है, जो 1997-98 के 91,000 करोड़ रुपये की तुलना में 11 गुना की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ स्थिर सरकार और अनुकूल नीतियों ने गुजरात की वृद्धि को गति दी है। ’’

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने आगामी वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन से पहले एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, सक्रिय नीति-आधारित दृष्टिकोण, निवेशक-अनुकूल रवैये और मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे के दम पर गुजरात निवेशकों की पंसद बन गया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने ‘‘भारत के वृद्धि इंजन’’के रूप में पहचान हासिल की है। इसे ‘बिजनेस नेटवर्किंग’, ज्ञान साझा करने तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के मंच वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन ने और मजबूत किया है।’’ मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात इस शिखर सम्मेलन के जरिये प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत @2047’ के दृष्टिकोण को साकार करेगा।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र ने गुजरात की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वित्त वर्ष 2021-22 तक इसका जीएसडीपी में करीब 36.7 प्रतिशत का योगदान रहा है। आंकड़ों से पता चला कि वित्त वर्ष 2016-17 से राज्य लगातार भारत के औद्योगिक उत्पादन में पहले स्थान पर रहा। 2019-20 तक 11.6 प्रतिशत यानी 28,479 कारखानों के साथ सर्वाधिक कारखानों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गया।

सरकार के मुताबिक, राज्य का 13 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का पर्याप्त आधार भी इसे अलग बनाता है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) की कार्यकारी समिति के सदस्य सचिन के. पटेल ने कहा कि राज्य के मजबूत आर्थिक बुनियादी आधार और औद्योगिक कौशल ने न केवल उसका कद बढ़ाया है बल्कि देश के लिए एक मानक भी स्थापित किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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