इस खिलाड़ी ने जताया पुलवामा शहीदों के लिए सम्मान, समर्पित किया अपना पदक

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इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। यह हमला पिछले सप्ताह उस दिन हुआ था जिस दिन भारतीय मुक्केबाजी टीम टूर्नामेंट में भाग लेने के लिये रवाना हुई थी।

नयी दिल्ली। प्रतिष्ठित स्ट्रैंडजा मेमोरियल टूर्नामेंट में जीते गये स्वर्ण पदक को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवानों को समर्पित करने वाले भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल ने कहा कि सैन्य बलों से संबंद्ध होने के कारण उन्हें इस घटना से अधिक पीड़ा पहुंची थी। एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पंघाल ने बुल्गारिया के सोफिया में मंगलवार की रात को फाइनल में कजाखस्तान के तेमिरतास जुसुपोव को हराकर यूरोप के इस सबसे पुराने मुक्केबाजी टूर्नामेंट में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता। वह इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले भारत के एकमात्र पुरूष मुक्केबाज रहे। भारतीय सेना के इस 23 वर्षीय मुक्केबाज ने बुधवार को कहा कि टूर्नामेंट के दौरान पुलवामा हमला उनके दिमाग में घूमता रहा। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। यह हमला पिछले सप्ताह उस दिन हुआ था जिस दिन भारतीय मुक्केबाजी टीम टूर्नामेंट में भाग लेने के लिये रवाना हुई थी। 

पंघाल ने कहा, ‘‘मैं खुद आर्मी से हूं, दर्द इसलिए थोड़ा ज्यादा था। मैं पदक जीतने के लिये बेताब था क्योंकि मैं इसे पुलवामा में अपनी जान गंवाने वाले नायकों को समर्पित करना चाहता था।’’उन्होंने कहा, ‘‘यहां पहुंचने के बाद जब मुझे हमले की खबर मिली तो तभी से यह बात मेरे दिमाग में थी।’’ भारत ने सोफिया में तीन स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक सहित कुल सात पदक जीते। महिलाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाली निखत जरीन (51 किग्रा) ने भी अपना पदक सीआरपीएफ जवानों को समर्पित किया। पंघाल ने कहा, ‘‘मैं टूर्नामेंट के दौरान अपने परिवार वालों के संपर्क में था और उन्हेांने मुझसे कहा कि मुझे पुलवामा शहीदों के सम्मान में पदक जीतना होगा। इस विचार से मैं दोगुना प्रेरित था।’’ यह प्रेरणा पंघाल के लिये अहम साबित हुई और वह वजन संबंधी दिक्कतों से भी पार पाने में सफल रहे। उन्होंने कहा, ‘‘ठंड के कारण यहां सही वजन नहीं आ पा रहा था। इसलिए मैंने दो दिन रात को खाना नहीं खाया और अगली सुबह कड़ा अभ्यास किया ताकि मैं ड्रा के समय वजन कराने के लिये पूरी तरह से तैयार रहूं। यह थोड़ा मुश्किल था लेकिन आखिर में मैं जो चाहता था उसे हासिल करने में सफल रहा।’’

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पंघाल ने इसके साथ ही साफ किया कि 49 किग्रा में यह उनका आखिरी टूर्नामेंट था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास 49 के बजाय 52 किग्रा में भाग लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि तोक्यो ओलंपिक 2020 में 49 किग्रा नहीं है और मैं ओलंपिक में खेलना चाहता हूं।’’ पंघाल ने कहा, ‘‘यह 49 किग्रा में मेरा आखिरी टूर्नामेंट था और अगर मुझे एशियाई चैंपियनशिप के लिये चुना जाता है तो मैं 52 किग्रा में भाग लूंगा। यह मेरे लिये काफी मुश्किल होगा क्योंकि 49 किग्रा भार वर्ग में मैं सहज महसूस करता था। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अधिक ताकत हासिल करने की जरूरत है और यह आसान नहीं होगा लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं इसे हासिल करने में सफल रहूंगा।’’ एशियाई चैंपियनिशप 19 से 27 अप्रैल के बीच बैकाक में होगी। पहली बार एशियाई चैंपियनशिप में महिला और पुरूष दोनों वर्गों की प्रतियोगिताएं एक साथ होंगी। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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