साइना नेहवाल ने फिटनेस मुद्दों के बारे में खुल कर किया बात, क्या छोड़ने वाली है खेल?

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साइना नेहवाल ने कहा कि, देखना चाहती हूं मेरा शरीर और कितनी चोट झेल सकता है।बता दें कि, साइना को थॉमस और उबेर कप के फाइनल्स (डेनमार्क) और फिर फ्रेंच ओपन को बीच में छोड़ना पड़ा। इस 31 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ यह तीन चोटों के कारण हुआ था।

नयी दिल्ली। चोटों से जूझ रही साइना नेहवाल ने लंबे समय से चले आ रहे फिटनेस मुद्दों के बारे में खुल कर बात करते हुए बुधवार को कहा कि खेल को छोड़ने का विचार उनके मन में भी आया था लेकिन उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया है कि उनका शरीर और कितनी चोटों का सामना कर सकता है। विश्व रैंकिंग की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना को चोटों के कारण 2021 में विश्व चैंपियनशिप सहित कई टूर्नामेंटों से बाहर होने पर मजबूर  होना पड़ा। अब भी पूरी तरह से फिट नहीं हुई साइना के इंडिया ओपन में खेलने की उम्मीद नहीं थी लेकिन वह दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहीं। चेक गणराज्य की उनकी प्रतिद्वंद्वी तेरेजा स्वाबिकोवा पीठ में दर्द के कारण बुधवार को मुकाबला बीच में ही छोड़ दिया। उस समय साइना 22-20, 1-0 से आगे चल रही थी।

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साइना ने मैच के बाद ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मैं कठिन अभ्यास करने में सक्षम थी लेकिन एक फिसलन से गिरने के कारण मेरी कमर में बहुत सारी समस्याएं हो गयी थीं। मुझे (थॉमस और उबेर कप फाइनल के दौरान)  के दौरान भी चोट लगी लेकिन मुझे नहीं पता था कि घुटने में भी कुछ परेशानी है, जो फ्रेंच ओपन के दौरान और खराब हो गयी थी।’’ साइना ने कहा, ‘‘ उस मैच तक, मुझे नहीं पता था कि यह चोट कितनी गंभीर थी। उसके बाद मैं लंगड़ा रही थी। यह एक चुनौती है और मैं इसे स्वीकार करना चाहती हूं। देखते हैं कि मेरा शरीर किन चोटों का सामना कर सकता है। यह आसान नहीं है, कभी-कभी आपका मन हार मानने लगता है।’’ साइना ने कहा कि  चोटों के ठीक होने के इंतजार में कोर्ट (स्टेडियम) से बाहर बैठना वास्तव में उन्हें परेशान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ इसका मानसिक पहलू बहुत मुश्किल है क्योंकि टूर्नामेंट हो रहे हैं, खिलाड़ी जीत रहे हैं और मैं बस बैठी हूं और उन्हें खेलते हुए देख रही हूं। यह एक चुनौती है लेकिन हम संघर्ष जारी रखना चाहते हैं, हो सकता है कि आगे कुछ अच्छे दिन हों।’’

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साइना को थॉमस और उबेर कप के फाइनल्स (डेनमार्क) और फिर फ्रेंच ओपन को बीच में छोड़ना पड़ा। इस 31 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ यह तीन चोटों के कारण हुआ था। इस दौरान घुटने में काफी चोट आयी थी। फिर ऐसा भी समय आया जब  मैं फ्रेंच ओपन के बाद चल भी नहीं पा रही थी।’’ लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने कहा कि वह ‘अपनी रिहैबिलिटेशन से खुश हैं ’और मार्च तक पूरी तरह से फिट होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस आयोजन से पहले सात - आठ दिनों के लिए अच्छा अभ्यास किया था लेकिन मुझे इंडिया ओपन खेलने की उम्मीद नहीं थी। मुझे उम्मीद है कि मुझे कोर्ट पर कुछ और अभ्यास सत्र मिल सकते हैं। मैं भारत में खेलने से खुश हूं, तो देखते हैं कि कितने  दौर तक आगे बढ़ सकती हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा फिटनेस स्तर अभी  60-70% का है। उम्मीद है कि जनवरी के अंत तक, मैं अपने पूर्ण शारीरिक फिटनेस स्तर को हासिल कर लूंगी। हमारे पास फरवरी में अभ्यास का समय है और फिर मार्च में प्रतियोगिताएं है , शायद तब तक चीजें पूरी तरह से ठीक हो जाएं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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