NASA ने चांद के अंधेरे में खोजा बर्फ से भरा गड्ढा! इंस्टाग्राम पर शेयर की तस्वीरें

नासा ने चांद के एक ऐसे इलाके की तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पर पहली बार शेयर करते हुए नया खुलासा किया है। ये दक्षिणी ध्रुव के अंधेरे वाले हिस्से की तस्वीर है। इस हिस्से में एक बेहद बड़ा गड्ढा है।
दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिज एजेंसी नासा ने चांद के एक ऐसे इलाके की तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पर पहली बार शेयर करते हुए नया खुलासा किया है। ये दक्षिणी ध्रुव के अंधेरे वाले हिस्से की तस्वीर है। इस हिस्से में एक बेहद बड़ा गड्ढा है। जिसका नाम शैक्लेटॉन क्रेटर है। ये दक्षिणी ध्रुव के पहाड़ी वाले हिस्से में है।
वहीं चांद इस इलाके में अपनी धुरी पर थोड़ा झुका हुआ है। इसलिए वहां की ऊंची चोटियों पर तो सूरज की रोशनी पहुंच जाती है। लेकिन इस गड्ढे में अरबों साल से सूरज की रौशनी नहीं पहुंची है। इसके आसपास का इलाका भी पूरी तरह से अंधेरे में है। तापमान माइनस 250 के पार है। जिस कारण यहां सदियों से बर्फ जमी है।
बता दें कि, चांद के इस अंधेरे वाले हिस्से में काफी ज्यादा बर्फ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। शैक्लेटॉन क्रेटर की तस्वीर अगर ध्यान से देखी जाए तो गड्ढे के अंदर के हिस्से का नजारा ऐसा दिखेगा जैसे बर्फ से भरा हुआ है। वहां किसी तरह का ग्लेशियर बना हो सकता है। या फिर वहां पर पानी की पर्याप्त मात्रा हो या बर्फ की।
हालांकि, अभी तक चांद के इस अंधेरे वाले हिस्से को एक्सप्लोर नहीं किया गया है। वैज्ञानिक ये जानना चाहते हैं कि वहां क्या है? क्या वहां पानी है। कोई और जीव रहते हैं। बर्फ है तो किस रूप में है। अगर बात करें शैक्लेटॉन क्रेटर की तो उसके एक गहरे में बीचों-बीच तापमान माइनस 173 डिग्री सेल्सियस रहता है। अगर वहां पर पानी का भाप है जो किसी प्राचीन धूमकेतु की टक्कर से आया हो, तो वह अब तक बर्फ बन चुका होगा।
चीन के वैज्ञानिक एक छोटा उड़ने वाला प्रोब चांद के अंधेरे वाले हिस्से में मौजूद शैक्लेटॉन क्रेटर के अंदर भेजना चाहते हैं। ताकि प्रोब वहां की सतह पर खनन करके सैंपल जमा कर सके। चीन को ये काम करने में साल 2026 तक इंतजार करना होगा। वह ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है कि वह क्रेटर के अंदर पानी और बर्फ का पता लगा सके।
हालांकि, नासा रात के चश्में के सहारे स्टडी कर रहा है। यानी चांद की सतह के नजदीक जाकर सैटेलाइट या ऑर्बिटर के जरिए तस्वीरें लेकर या वीडियो बनाकर।
अन्य न्यूज़