भारत के यह रेलवे स्टेशन हैं भूतिया और बेहद डरावने, सफर करें जरा सोच समझकर

haunted railway station
मिताली जैन । Jul 27 2020 7:24PM

बेगुनकोडोर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में एक हैमलेट है जो अपने छायादार रेलवे स्टेशन के लिए सुर्खियों में आया था। सुनसान रेलवे पटरियों के किनारे कुछ लोगों को सफेद साड़ी में लिपटी एक महिला नजर आई थी। कहा जाता है कि इस महिला ने शायद वहां पर आत्महत्या की थी।

रेलवे को आम जनता की लाइफ लाइन कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण ही लोग ना सिर्फ अपने शहर के अलग−अलग हिस्सों से बल्कि देश के अन्य राज्यों से बेहद आसानी से जुड़ पाते हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि रेलवे से सफर करना काफी सरल व सस्ता है। लेकिन भारत में कुछ रेलवे स्टेशन ऐसे भी हैं, जो हॉन्टेड माने जाते हैं और इसलिए यहां पर जाने से लोग घबराते हैं। तो चलिए आज हम आपको भारत में स्थित कुछ ऐसे ही डरावने रेलवे स्टेशन के बारे में बता रहे हैं−

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रवीन्द्र सरोबर मेट्रो स्टेशन, कोलकाता

रवीन्द्र सरोबर दक्षिण कोलकाता के सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशनों में से एक है। लेकिन एक सच यह भी है कि यह भारत में सबसे हॉन्टेड प्लेस में से एक है। संयोग से, यह स्टेशन कई मेट्रो आत्महत्या मामलों के लिए दृष्टि है। ऐसा कहा जाता है कि आत्महत्या करने वाले लोगों की आत्माएं देर रात मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर देखी जाती हैं। रात के समय प्लेटफॉर्म के खंभों या पटरियों को पार करने की अजीबोगरीब छायाएं दिखना यहां बेहद आम है। इसलिए इस मेट्रो स्टेशन में लोग देर रात सफर करने से बचते हैं।

बेगुनकोडोर ट्रेन स्टेशन, पश्चिम बंगाल

बेगुनकोडोर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में एक हैमलेट है जो अपने छायादार रेलवे स्टेशन के लिए सुर्खियों में आया था। सुनसान रेलवे पटरियों के किनारे कुछ लोगों को सफेद साड़ी में लिपटी एक महिला नजर आई थी। कहा जाता है कि इस महिला ने शायद वहां पर आत्महत्या की थी। इतना ही नहीं, उसके भूत को देखने से रेलवे कर्मियों की मौत भी हो गई। सरकार ने हालांकि इन अफवाहों को निराधार बताते हुए 2009 में करीबन 42 वर्षों के बाद एक बार फिर जनता के लिए शुरू किया।

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बरोग टनल, शिमला

शिमला के बरोग टनल का नाम भारत के सबसे हॉन्टेड प्लेस में लिया जाता है। इसे टनल नंबर 33 भी कहा जाता है। कालका−शिमला मार्ग में बरोग रेलवे स्टेशन के पास स्थित इस टनल की अपनी ही एक अलग कहानी है। कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में इस टनल को बनाने की जिम्मेदारी एक ब्रिटिश रेलवे इंजीनियर कर्नल बरोग को सौंपी गई थीं। लेकिन टनल बनाते समय उनसे कुछ चूक हो गई, जिसके कारण ब्रिटिश सरकार ने ना सिर्फ उन पर जुर्माना ठोका, बल्कि अन्य कर्मचारियों के सामने उन्हें लज्जित भी किया। इससे परेशान होकर कर्नल बरोग एक दिन अपने कुत्ते को लेकर टहलने निकले और उन्होंने खुद को गोली मार ली। ऐसा माना जाता है कि इंजीनियर कर्नल बरोग की आत्मा आज भी वहां घूमती है और इसलिए शाम ढलने के बाद वहां पर कोई नहीं जाता। इतना ही नहीं, रात में टनल के अंदर से किसी के कराहने की आवाज आती है। 

मिताली जैन

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