पर्वतों की रानी मसूरी में पर्यटकों के लिए है बहुत कुछ

Plenty for tourists in queen of mountains Mussoorie
प्रीटी । Sep 19 2017 2:35PM

देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी को पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं।

देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी को पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है। आइए जानते हैं यहाँ के मशहूर पयर्टन स्थलों के बारे में-

माल रोड़

मसूरी का माल रोड पूर्व में पिक्चर पैलेस से लेकर पश्चिम में पब्लिक लाइब्रेरी तक जता है। ब्रिटिश काल में मसूरी की माल रोड़ पर लिखा होता था ''भारतीय और कुत्तों को अनुमति नहीं”। इस प्रकार के जातीय चिह्न अंग्रेज़ों की मानसिकता का परिचय देते हुए मिल जाते थे। इन्हें बाद में पैरों तले रौंद दिया गया था। इस रोड़ पर खाने पीने से लेकर विभिन्न तरह के हर तरह के सामानों की दुकानें हैं जोकि पयर्टकों को आकर्षित करती हैं।


गन हिल 

मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी पर रोप-वे द्वारा जाने का आनंद लेना नहीं भूलें। यहां पैदल रास्ते से भी पहुंचा जा सकता है, यह रास्ता माल रोड पर कचहरी के निकट से जाता है और यहां पहुंचने में लगभग 20 मिनट का समय लगता है। रोप-वे की लंबाई केवल 400 मीटर है।

गन हिल से हिमालय पर्वत श्रृंखला अर्थात् बंदरपंच, श्रीकांता, पिठवाड़ा और गंगोत्री समूह आदि के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं, साथ ही मसूरी और दून-घाटी के विहंगम दृश्य भी यहां से देखे जा सकते हैं। आजादी-पूर्व के वर्षों में इस पहाड़ी के ऊपर रखी तोप प्रतिदिन दोपहर को चलाई जाती थी ताकि लोग अपनी घड़ियां सैट कर लें, इसी कारण इस स्थान का नाम गन हिल पड़ा।

म्युनिसिपल गार्डन

मसूरी का वर्तमान कंपनी गार्डन या म्युनिसिपल गार्डन आजादी से पहले तक बोटेनिकल गार्डन कहलाता था। कंपनी गार्डन के निर्माता विश्वविख्यात भूवैज्ञानिक डॉ. एच. फाकनार लोगी थे। सन्‌ 1842 के आस-पास उन्होंने इस क्षेत्र को सुंदर उद्यान में बदल दिया था। बाद में इसकी देखभाल कंपनी प्रशासन के देखरेख में होने लगी थी इसलिए इसे कंपनी गार्डन या म्युनिसिपल गार्डन कहा जाने लगा।

तिब्बती मंदिर

बौद्ध सभ्यता की गाथा कहता यह मंदिर निश्चय ही पर्यटकों का मन मोह लेता है। इस मंदिर के पीछे की तरफ कुछ ड्रम लगे हुए हैं। जिनके बारे में मान्यता है कि इन्हें घुमाने से मनोकामना पूरी होती है।

चाइल्डर्स लॉज 

लाल टिब्बा के निकट यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है। टूरिस्ट कार्यालय से यह 5 किमी दूर है, यहां तक घोड़े पर या पैदल भी पहुंचा जा सकता है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक लगता है।

कैमल बैक रोड 

3 किमी लंबा यह रोड रिंक हॉल के समीप कुलरी बाजार से आरंभ होता है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होता है। इस सड़क पर पैदल चलना या घुड़सवारी करना अच्छा लगता है। 

झड़ीपानी फाल 

यह फाल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किमी दूर स्थित है। पर्यटक झड़ी-पानी तक 7 किमी की दूरी बस या कार द्वारा तय करके यहां से पैदल 1.5 किमी दूरी पर झरने तक पहुंच सकते हैं।

भट्टा फाल 

यह फाल मसूरी-देहरादून रोड़ पर मसूरी से 7 किमी दूर स्थित है। पर्यटक बस या कार द्वारा यहां पहुंचकर आगे की 3 किमी दूरी पैदल तय करके झरने तक पहुंच सकते हैं। स्नान और पिकनिक के लिए यह अच्छी जगह है।

कैम्पटी फाल 

यमुनोत्री रोड पर मसूरी से 15 किमी दूर 4500 फुट की ऊंचाई पर यह इस सुंदर घाटी में स्थित सबसे बड़ा और सबसे खूबसूरत झरना है, जो चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरा है। झरने की तलहटी में स्नान तरोताजा कर देता है और बच्चों के साथ-साथ बड़े भी इसका आनंद उठाते हैं। मसूरी-यमुनोत्री मार्ग पर नगर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना पांच अलग-अलग धाराओं में बहता है, जो पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र बना रहता है। यह स्थल समुद्रतल से लगभग 4500 फुट की ऊंचाई पर है। इसके चारों ओर पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देती हैं। अंग्रेज अपनी चाय दावत अकसर यहीं पर किया करते थे, इसीलिए तो इस झरने का नाम कैंपटी (कैंप+टी) फाल है।

नाग देवता मंदिर 

कार्ट मेकेंजी रोड पर स्थित यह प्राचीन मंदिर मसूरी से लगभग 6 किमी दूर है। वाहन ठीक मंदिर तक जा सकते हैं। यहां से मसूरी के साथ-साथ दून-घाटी का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।

मसूरी झील 

मसूरी-देहरादून रोड़ पर यह नया विकसित किया गया पिकनिक स्पॉट है, जो मसूरी से लगभग 6 किमी दूर है। यह एक आकर्षक स्थान है। यहां पैडल-बोट उपलब्ध रहती हैं। यहां से दून-घाटी और आसपास के गांवों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।

ज्वालाजी मंदिर (बेनोग हिल)

मसूरी से 9 किमी पश्चिम में 2104 मी. की ऊंचाई पर ज्वालाजी मंदिर स्थित है। यह बेनोग हिल की चोटी पर बना है, जहां माता दुर्गा की पूजा होती है। मंदिर के चारों ओर घना जंगल है, जहां से हिमालय की चोटियों, दून घाटी और यमुना घाटी के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।

- प्रीटी

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