इंडिया-पाकिस्तान बॉर्डर पर जब एक साथ बजती हैं दोनों ओर से तालियां

Wagah Border

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी जब समापन की ओर होती है तब कुछ समय के लिए दोनों देशों के बॉर्डर खोले जाते हैं और उसी दौरान जवान अपने-अपने फ्लैग को उतारने की ड्रिल करते हैं, जो देखने लायक होती है। दर्शक अपने जगहों से खड़े हो जाते हैं, अपने-अपने राष्टृगान गाते हैं।

भारत-पाक के दरम्यान नफरतों की दीवारें चाहें कितनी ही क्यों ना खड़ी हों। पर, रोजाना शाम के करीब सवा पांच बजे पंद्रह मिनट के लिए जब दोनों तरफ से बॉर्डर खुलते हैं तो दीवारें ढ़हती नजर आती हैं। आपसी भाईचारे का नजारा देखते ही बनता है। दोनों मुल्कों के लोग एक दूसरे को देखकर खुश होते हैं। अंतराष्ट्रीय इंडो-पाक वाघा बॉर्डर पंजाब के अमृतसर सेक्टर के आखिरी छोर अटारी है। जहां प्रतिदिन बीएसएफ और पाक रेंजर्स की अनोखी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन होता है। इस तरफ से बीएसएफ के जवान करतब दिखाते हैं तो वहीं पाक रेंजर्स अपनी प्रस्तुति पेश करते हैं। नजारे को देखने के लिए दोनों मुल्कों के लाखों लोगों की भीड़ जुटती है। परेड के दौरान दर्शक अपने-अपने मुल्कों के देशभक्ति के नारे लगाते हैं। ये नजारा करीब घंटे भर चलता है।

देखने लायक होती है फ्लैग को उतारने की प्रक्रिया

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी जब समापन की ओर होती है तब कुछ समय के लिए दोनों देशों के बॉर्डर खोले जाते हैं और उसी दौरान जवान अपने-अपने फ्लैग को उतारने की ड्रिल करते हैं, जो देखने लायक होती है। दर्शक अपने जगहों से खड़े हो जाते हैं, अपने-अपने राष्टृगान गाते हैं। बड़ा भावुक पल होता है। दोनों तरफ के जवान गेट खुलते ही आपस में हाथ मिलाते हैं। विशेष मौकों पर जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, ईद, होली व दिवाली पर दोनों ओर से मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है।

कोरोना के चलते बंद थी परेड

बीते कई महीनों से परेड बंद थी। इसी महीने से आयोजन शुरू हुआ है, दर्शकों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के बाद परेड देखने की इजाजत दी गई है। कार्यक्रम को देखने के लिए दोनों मुल्कों के अलावा भारी संख्या में विदेशी नागरिक भी पहुंचते हैं। परेड का आयोजन वाघा बॉर्डर से सटे अटारी संयुक्त जांच चौकी पर होता है। जोकि हिंदस्तान के आखिरी शहर अमृतसर से 26 किमी दूर है, 15 किलामीटर दूरी पर लाहौर है। परेड को देखने अमृतसर और लाहौर से बुजुर्ग और बच्चे भी भारी संख्या में आते हैं। संवाददाता ने बीएसएफ कमांडर से परेड सेरेमनी के आयोजन का मकसद पूछा तो उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण संबंधों को बरकर्रार रखना और सीमा पर समन्वय बनाने के उद्देश से ऐसा किया जाता है।

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