कोविड-19 : क्या होगा यदि पालतू पशुओं में कहीं अधिक जानलेवा संक्रमण फैलता है?

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हाल में सुझाव दिया गया कि मंत्री कोरोना वायरस को पशुओं में फैलने और फिर एक नए स्वरूप में मनुष्यों में इसके प्रसार को रोकने के लिए पालतू पशुओं को मारने या उन्हें टीका लगाने पर विचार कर सकते हैं।

मिक बैली, प्रोफेसर ऑफ कम्पैरेटिव इम्युनोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल) ब्रिस्टल (ब्रिटेन)। (द कन्वरसेशन) हाल में सुझाव दिया गया कि मंत्री कोरोना वायरस को पशुओं में फैलने और फिर एक नए स्वरूप में मनुष्यों में इसके प्रसार को रोकने के लिए पालतू पशुओं को मारने या उन्हें टीका लगाने पर विचार कर सकते हैं। इससे अचानक घबराहट पैदा हो सकती है लेकिन यह वैज्ञानिकों के बीच लंबी बहस का एक हिस्सा है। ऐसे सबूत पाए गए कि वुहान से फैले सार्स-सीओवी-2 से बिल्लियां भी संक्रमित हो सकती हैं। ऐसे सबूत भी पाए गए कि वे अन्य बिल्लियों को भी संक्रमित कर सकती हैं।

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इसके बाद से डेनमार्क और नीदरलैंड में स्तनधारी जीव मिंक, चिड़ियाघरों में बड़ी बिल्लियों, कुत्तों, नेवले की जाति के एक जानवर और कई अन्य प्रजातियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई। यह याद दिलाना भी जरूरी है कि सार्स-सीओवी-2 संभवत: चमगादड़ों से फैला और वन्यजीवों की अन्य प्रजातियां भी संक्रमित हो सकती हैं। अगर मनुष्यों और बिल्लियों के बीच संक्रमण आसानी से फैलता है तो लोगों में महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए इसे रोकने के कदम उठाना आवश्यक हो सकता है और इसमें बिल्लियों को टीका लगाने तथा उन्हें पृथक करना भी शामिल हो सकता है। मनुष्यों से बिल्लियों में संक्रमण फैलने के सबूत हैंलेकिन बिल्लियों से मनुष्यों में संक्रमण फैलने के सबूत बहुत कम है। अत: बिल्लियों में संक्रमण के बारे में चिंता करने की ज्यादा जरूरत नहीं है। बिल्लियों के मुकाबले आपको परिवार और दोस्तों से कोरोना वायरस संक्रमण होने का खतरा अधिक है।

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हालांकि आपको बिल्लियों से अन्य बीमारियां (जैसे कि टोक्सोप्लास्मोसिस) होने का खतरा कम करने के लिए साफ-सफाई के सामान्य एहतियात बरतने चाहिए। अभी हमारी पालतू बिल्लियों और कुत्तों से कोई बड़ा खतरा नहीं है। हालांकि बाद में संक्रमण के नए स्वरूप आ सकते हैं। हो सकता है कि ये अल्फा और बीटा स्वरूप की तरह आसानी से फैल जाए। अन्य प्रजातियों में सार्स-सीओवी-2 का दीर्घकालीन खतरा यह है कि अगर वायरस उनमें फैलता है तो एक नया और यहां तक कि अप्रिय स्वरूप सामने आ सकता है और हो सकता है कि लोगों के बीच फैलने तक इस समस्या को पहचाना ही न जा सकें।

इस खतरे को कम करने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका पशुओं में किसी भी नए स्वरूप का पता लगाने के लिए उनकी निगरानी करना होगा। इसलिए हैरान मत होना जब आपका पशु चिकित्सक पालतू पशु को श्वसन संबंधी दिक्कत होने पर उसकी लार का नमूना लाने को कहें और आपको भी नमूना देने को कहा जा सकता है। पालतू जानवरों के टीकाकरण की संभावना बहुत कम है। कुत्तों और बिल्लियों के लिए कोविड-19 रोधी टीका विकसित किया जा रहा है। लेकिन मनुष्यों की तरह ही कुत्तों और बिल्लियों में संक्रमण की दर कम होने के कारण इन टीकों का ट्रायल करना मुश्किल होगा और कम ट्रायल से अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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