BS VI वाहनों को एलपीजी और सीएनजी में बदलने वाली अधिसूचना पर IAC ने उठाए सवाल

आईएसी ने अपने बयान में कहा कि मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार BS VI वाहनों को एलपीजी और सीएनजी में बदलने के लिए दुर्घटना टेस्ट और सेवा में अनुरूपता होना जरूरी है। उसने इस अधिसूचना को पूरी तरह अनप्रैक्टिकल बताया है।
अगर आप अपनी BS VI गाड़ियों को एलपीजी और सीएनजी में बदलवाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। इंडियन ऑटो एलपीजी कोलिशन (AIC) ऐसे मुद्दे पर सवाल किया है। आईएसी ने कहा कि भारत चरण छह (BS VI) उत्सर्जन मानक वाली गाड़ियों को ऑटो एलपीजी और सीएनजी में बदलने संबंधी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना कितनी अर्थपूर्ण हैं।
अधिसूचना को बताया पूरी तरह अनप्रैक्टिकल
आईएसी ने अपने बयान में कहा कि मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार BS VI वाहनों को एलपीजी और सीएनजी में बदलने के लिए दुर्घटना टेस्ट और सेवा में अनुरूपता होना जरूरी है। उसने इस अधिसूचना को पूरी तरह अनप्रैक्टिकल बताया है। आईएसी ने इस बारे में मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी आपत्तियों से भी अवगत कराया है।
कई मुद्दों पर जताई आपत्ति
आईएसी ने कहा उसने अपने बयान में कई मुद्दों पर आपत्ति जताई है। पत्र के अनुसार, अधिसूचना में वाहन किस्म की मंजूरी के लिए वैधता की सीमित अवधि को बनाए रखा गया है। इसके अलावा दुर्घटना परीक्षण को भी अनिवार्य किया गया है।
बयान में कहा गया है कि इस तरह के प्रस्तावों को आगे बढ़ाने से बाहर से वाहन कलपुर्जे बनाने वाली रिट्रोफिटमेंट फर्मों के मुकाबले मौलिक उपकरण विनिर्मिताओं (ओईएम) को समान अवसर मुहैया कराने की स्थिति प्रभावित होगी। उसका कहना है कि यह कदम सरकार के दीर्घकालिक पर्यावरण लक्षणों के साथ भी समझौता करने वाले होंगे। आईएसी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि रिट्रोफिटमेंट फर्मों को हर 3 साल में रिन्यू कराने पर 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
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