जानिए 'द ग्रेट खली' ने कैसे हिमाचल के एक छोटे से गांव से WWE रिंग तक लम्बा सफर तय किया

Khali
शुभम यादव । Aug 28 2020 12:29PM

हिमाचल के एक छोटे से गांव धिराना में 27 अगस्त 1972 को दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म होता है। जन्म के समय खली के माता-पिता ने यह कतई नहीं सोचा होगा कि उनका बच्चा औरों से अद्भुत और अद्वितीय होगा।

7 फुट 1 इंच का लंबा और भारी भरकम शरीर लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में जब द ग्रेट खली उतरते थे तो अच्छे-अच्छे रेसलर्स के पसीने छूट जाते थे लेकिन खली का WWE की रिंग तक पहुंचने का सफर संघर्षों से भरा रहा।

हिमाचल के एक छोटे से गांव धिराना में 27 अगस्त 1972 को दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म होता है। जन्म के समय खली के माता-पिता ने यह कतई नहीं सोचा होगा कि उनका बच्चा औरों से अद्भुत और अद्वितीय होगा। आज खली 48 साल के हो गए हैं, ऐसे में आइए जानते हैं कैसा रहा द ग्रेट खली का प्रारंभिक जीवन और कैसी रही WWE तक की 'द ग्रेट जर्नी'।

इसे भी पढ़ें: जानिए संजय गांधी की मौत के बाद मेनका गांधी को गांधी परिवार से बेदखल करने के पीछे किसका हाथ रहा ? 

हिमाचल प्रदेश के राजपूत परिवार में पिता ज्वाला रमा और मां तांडी देवी के यहां दलीप सिंह राणा उर्फ खली का जन्म हुआ बचपन से ही खली का शरीर अन्य बच्चों से थोड़ा अलग रहा। अपने सात भाई बहनों में से खली का शरीर और कद काठी सबसे अलग और भारी-भरकम था। खली का परिवार एक गरीब किसान परिवार था। खली का परिवार इतना गरीब था कि पेट भरने के लिए भी रोजी रोटी का इंतजाम करना मुश्किल होता था, इसलिए खली ने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की और बचपन से ही काम की तलाश में लग गए। पढ़े लिखे ना होने की वजह से खली को मजदूरी करनी पड़ी। लेकिन जिस तरह खली का शरीर था वह आस-पास के गांव के लोगों के लिए कौतूहल का विषय रहा करता था।

खली को मजदूरी करके गुजारा करना पड़ा

खली को मजदूरी भी मिलती तो भारी पत्थरों को उठाने या जो काम सामान्य लोग ना कर पा रहे हों वह काम खली को दिया जाता था हालांकि यह काम खली के लिए बाएं हाथ का खेल भी होता था। खली ने लगातार कई साल मजदूरी की लेकिन जो भी पैसे मजदूरी से मिलते थे वह पर एक परिवार के लिए पर्याप्त नहीं होते थे, क्योंकि खली की डाइट ही आम लोगों से की गुना ज्यादा होती थी। कुछ दिनों बाद खली ने मजदूरी करने के लिए शिमला का रुख किया। 

जब पंजाब पुलिस में भर्ती हुए 'द ग्रेट खली'

अचानक खली की किस्मत उस समय चमक गई जब पंजाब के एक पुलिस अफसर शिमला आए हुए थे और उनकी नजर खली पर पड़ी। खली को अफसर साहब ने पंजाब आकर पुलिस की नौकरी करने का ऑफर दिया। क्योंकि खली के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह पंजाब जा सकें इसलिए उस पुलिस अफसर ने खली को खुद पैसे देकर पंजाब बुलाया। खली ने भी पंजाब जाकर पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर ली। खली के भाई को भी पुलिस की नौकरी मिल गई।

खली को किसने दिया रेसलिंग में जाने का आईडिया

खली के एक दोस्त हुआ करते थे अमित स्वामी जिन्होंने खली को वर्ल्ड रेसलिंग तक पहुंचाने का काम किया। दरअसल अमित के दोस्त डोरियन येट्स इंदिरा गांधी नेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली से विदेश जा रहे थे और अमित खली को साथ लेकर डोरियन से मिलने गए। डोरियन ने खली के भारी-भरकम शरीर को देखकर उन्हें एक सुझाव दिया कि आप रेसलिंग में अपना भाग्य क्यों नहीं आजमाते। बस फिर क्या था यहीं से खली के रेसलिंग के सफर की शुरुआत होती है।

जब Wrestling के लिए खली ने भरी हुंकार

शुरुआत में खली को भारत में ही रेसलिंग गई ट्रेनिंग दी गई इसके बाद ऑल प्रो रेसलिंग के लिए दलीप सिंह राणा को अमेरिका भेजा गया। इस रेसलिंग में भाग लेने के बाद खली का नाम दलीप सिंह राणा से बदलकर 'जायंट सिंह' रखा गया था। अब दलीप सिंह राणा जायंट सिंह बन चुके थे और उन्होंने सैन फ्रांसिस्को के साथ एक कांट्रेक्ट साइन कर लिया जिसके बाद वह वहां 8 महीनों तक रहे। WWF के द्वारा जायंट सिंह न्यू जापान प्रो रेसलिंग में गये, जहां उन्हें 'जायंट सिल्वा' के साथ टीम में शामिल किया गया।

इसे भी पढ़ें: 'ह्यूमन कैलकुलेटर' नीलकंठ भानू आंकड़ों की दुनिया का उभरता सितारा

द ग्रेट खली को WWE से आया बुलावा

साल 2006 तक खली ने जापान में ही रहकर कई पहलवानों और इसी साल उन्हें WWE से बुलावा आ गया। डब्ल्यूडब्ल्यूई जाकर खली ने एक और रिकॉर्ड भारत के नाम दर्ज कर दिया था, क्योंकि खली भारत के पहले प्रोफेशनल रेसलर थे, जिन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई ज्वाइन किया था। खली का पहला मुकाबला रेसलिंग की दुनिया के बादशाह अंडरटेकर से हुआ लेकिन इस मुकाबले में किसी की जीत नहीं हुई। खली के लिए रेसलिंग की दुनिया में मिलते-जुलते नामों से मेल नहीं खा रहा था, जिसकी वजह से एक बढ़िया नाम की खोज उनके चाहने वाले कर रहे थे। आखिरकार दलीप सिंह राणा (खली) मां काली के भक्त हुआ करते थे जिसकी वजह से मां काली नाम दिया गया, इसके बाद विदेशियों ने उनका नाम 'खली' कर दिया।

रेसलिंग की दुनिया के जाने माने रेसलर्स को रिंग में उतर कर चित कर देने के कारण उनका नाम 'द ग्रेट खली' पड़ गया। 2007-08 के दौरान वर्ल्ड हेविवेट चैंपियनशिप में 'द ग्रेट खली' विजेता बने।

कितनी डाइट लेते हैं 'द ग्रेट खली'?

जिस तरह से खली की कद काठी है उसी हिसाब से खली की डाइट भी औरों से कई गुना ज्यादा है। खली रोजाना 10 लीटर के करीब दूध 30 से 40 अंडे 5-6 गिलास मिक्स जूस करीब 10 गिलास अनार का जूस, 25-30 रोटियां आसानी से खा लेते हैं।

- शुभम यादव

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़