देश में कई नियम-कानून बदल गए एक जुलाई से, जानिए आप पर क्या क्या पड़ेगा असर

एक जुलाई 2022 से देश में कई नियम-कानून बदल गए। ये नियम-कानून आपके वित्तीय लेन-देन से जुड़े हैं। इन नियमों के लागू होने के बाद अब कुछ भार आपकी जेब पर भी पड़ेगा। इन होने वाले बदलावों के दायरे में लेनदेन के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों से लेकर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले और पैन कार्ड धारक भी आ चुके हैं। ऐसे में इन नियमों के बारे जानना हर किसी के लिए बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि यदि आपने इन चीजों को नजरअंदाज किया तो आपको मुश्किल भी हो सकती है और आर्थिक नुकसान होगा, वो अलग।
तो आइये जानते हैं कि आप पर इन नियमों में बदलाव का क्या और कितना असर पड़ेगा़?
# आधार-पैन को लिंक करने पर अब देना होगा दोगुना जुर्माना
केंद्र सरकार ने जुर्माने के साथ पैन और आधार कार्ड को लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2023 तय की है। इसके दृष्टिगत 30 जून 2022 तक इसे लिंक करने पर महज ₹500 जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन 1 जुलाई 2022 से यह जुर्माना बढ़कर ₹1000 हो जाएगा। यदि आपने अब तक इसे लिंक नहीं किया है तो जुर्माना भरकर भी आज ही इस काम को निपटा लें।
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# मिले उपहार पर लगेगा 10 प्रतिशत टीडीएस
कारोबार और विविध व्यवसाय से प्राप्त होने वाले उपहार पर एक जुलाई 2022 से 10 फ़ीसदी टीडीएस देना पड़ेगा। यह टेक्स सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और डॉक्टरों पर भी लागू होगा। सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर के लिए टीडीएस देना तभी जरूरी होगा, जब कोई कंपनी मार्केटिंग के उद्देश्य से उन्हें कोई उत्पाद देती है। वहीं, यदि दिया उत्पाद कंपनी को वापस लौटा दिया जाता है तो टीडीएस लागू नहीं होगा।
# क्रिप्टो करेंसी पर अब देना होगा टीडीएस
1 जुलाई 2022 के बाद से क्रिप्टो करेंसी लेन-देन अगर 1 साल में ₹10000 से ज्यादा है तो उस पर एक फीसदी चार्ज लगेगा। आयकर विभाग के मुताबिक, इसमें सभी एनएफटी या डिजिटल करेंसी आएंगे।
# दोपहिया वाहनों की बढ़ेंगी कीमतें
अब दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ जाएंगी। हीरो मोटोकॉर्प ने अपने वाहनों की कीमतों को ₹3000 तक बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं, हीरो मोटोकॉर्प की तरह दूसरी कंपनियां भी अपने वाहनों की कीमतें बढ़ा सकती हैं।
# अब एसी के दाम भी बढ़ेंगे
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी ने एसी के लिए एनर्जी रेटिंग के नियमों में बदलाव कर दिया है। इसके बाद 5 स्टार एसी की रेटिंग घटकर सीधे 4 स्टार हो जाएगी। इससे एसी की कीमतों में 10 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
# रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हो सकता है बदलाव
एक जुलाई से देश में रसोई गैस के सिलेंडरों की कीमतों में भी बदलाव हो सकता है। हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव का फैसला लेती हैं। आपको बता दें कि एलपीजी की कीमतें टैक्स के कारण हर राज्य में अलग-अलग होती है। संभावना है कि टैक्स की दरों में उतार-चढ़ाव के कारण सिलेंडरों की कीमत में बदलाव आ सकता है
# ऑनलाइन भुगतान के लिए अब होगी टोकन व्यवस्था
1 जुलाई से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां, मर्चेंट और पेमेंट गेटवे क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डेटा अपने प्लेटफार्म पर नहीं रख पाएंगे। ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए आरबीआई 1 जुलाई 2022 यानी शुक्रवार से कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम शुरू करने जा रहा है। इसके तहत कार्ड के ब्योरे को टोकन में बदल दिया जाएगा।
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# डीमैट की केवाईसी नहीं कर पाएंगे अपडेट
डीमैट और ट्रेडिंग खाते की केवाईसी अब तक नहीं कराई तो 1 जुलाई 2022 के बाद आप यह अपडेट नहीं कर पाएंगे। इसके बाद आपको परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।
# श्रमिकों व कर्मचारियों के बढ़ सकते हैं काम के घंटे
1 जुलाई से सरकार नया लेबर कोड लागू कर सकती है। चार नए लेबर कोड लागू होने के बाद कामगारों के लिए काम के घंटे बढ़ सकते हैं, क्योंकि नए लेबर कोड में आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम का प्रावधान किया गया है। वहीं, कंपनियां अपने कर्मचारियों से आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम करने को कह सकती हैं, लेकिन उन्हें इसके बदले कर्मियों को हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी देनी होगी।
# अब इन हैंड सैलरी में हो सकती है कमी
1 जुलाई से यदि नया लेबर कोड लागू होता है तो कामगारों की इन हैंड सैलरी में भी कमी हो सकती है। नए लेबर कोड के लागू होने के बाद कंपिनयों को अपने कर्मियों की बेसिक सैलरी को बढ़ाकर कम से कम ग्रॉस सैलरी का 50 प्रतिशत करना पड़ेगा। ऐसा करने से पीएफ और ग्रेच्युटी में कर्मी का योगदान बढ़ जाएगा और उसके सैलरी से इन मदों में अधिक राशि की कटौती होने लगेगी। ऐसा करना कर्मचारियों के भविष्य के लिए तो ठीक है, पर इससे वर्तमान में उनके खाते में क्रेडिट होने वाली सैलरी की राशि 7 से 10 फीसदी तक घट सकती है।
स्वाभाविक है कि 1 जुलाई 2022 से देश में वित्तीय लेनदेन और ऑनलाइन भुगतान संबंधी कई नियम बदलने के साथ ही जहां कई उत्पाद महंगे हो गए, वहीं कुछ अन्य सेवाओं की शर्तों को जनहित के नजरिये से और कड़ा कर दिया गया है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार