राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस से देश में उद्यमिता विस्तार और गहराई के प्रदर्शन का मिलेगा माहौल

PM Modi
कमलेश पांडेय । Jan 16 2022 9:30AM

स्टार्टअप के क्षेत्र में भी भारत एक वैश्विक इन्नोवेशन हब के रूप में उभर रहा है, जिसे विश्व की एक तिहाई स्टार्टअप परितंत्र का देश होने का गौरव हासिल है। डीपीआईआईटी ने अभी तक 61,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी है, जो 55 उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत में उद्यमिता के विस्तार और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए केंद्र सरकार दृढ़ संकल्पित है। इस निमित्त उसके द्वारा विभिन्न प्रकार के स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यानी देश की स्टार्टअप इकाइयों को नए भारत का ‘आधार-स्तंभ’ बताते हुए कहा है कि सरकार ने 16 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। यानी कि कल राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पूर्व की घोषणाओं के मद्देनजर इस सप्ताह स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह (10-16 जनवरी) मनाया जा रहा है। इसी दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए ऐलान किया है कि स्टार्टअप की यह संस्कृति देश के दूर-दराज क्षेत्रों तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब "राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस" के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा है कि आपके सभी सुझावों, विचारों और नवाचारों को सरकार से पूरा समर्थन मिलेगा। क्योंकि यही स्टार्टअप नए भारत का आधार-स्तंभ बनेंगे और देश ‘भारत के लिए नवोन्मेष’ और ‘भारत से नवोन्मेष’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेगा।

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बता दें कि इन्हीं स्टार्टअप को ‘वर्ष 2013-14 में जहां चार हजार पेटेंट को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष इनकी संख्या 28 हजार से ज्यादा हो गई। आज देश में 60,000 से अधिक स्टार्टअप इकाइयां हैं, जिनमें से 42 यूनिकॉर्न हैं, यानी कि इनकी वित्तीय पूंजी एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकित की जा चुकी हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार भविष्य की प्रौद्योगिकियों के लिए स्टार्टअप में अनुसंधान और विकास में निवेश को बढ़ावा देना अपनी सरकार की प्राथमिकता बता रही है।

गौरतलब है कि भारत भर में उद्यमिता के विस्तार और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह (10-16 जनवरी) मनाया जा रहा है। जिसके तहत उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग, डीपीआईआईटी द्वारा प्रथम स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्चुअल नवोन्मेषण कार्यक्रम का उद्वेश्य भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ समारोह मनाना है। बता दें कि स्टार्टअप की दुनिया में वर्ष 2021 को ‘यूनिकॉर्न के वर्ष‘ के रूप में मान्यता दी गई है, जिसके दौरान 40 से अधिक यूनिकॉर्न भारत से जोड़े गए हैं।

गौरतलब है कि स्टार्टअप के क्षेत्र में भी भारत एक वैश्विक इन्नोवेशन हब के रूप में उभर रहा है, जिसे विश्व की एक तिहाई स्टार्टअप परितंत्र का देश होने का गौरव हासिल है। डीपीआईआईटी ने अभी तक 61,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी है, जो 55 उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। देश के प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक स्टार्टअप के साथ ये 633 जिलों में फैले हुए हैं, जिन्होंने वर्ष 2016 से लेकर अब तक 6 लाख से अधिक रोजगारों का सृजन किया है। वहीं, 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप्स श्रेणी-2 तथा श्रेणी-3 शहरों से हैं और उनमें से 45 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व महिला उद्यमियों द्वारा किया जाता है। स्टार्टअप्स में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के समेकन की गति में तेजी लाने तथा वैश्विक प्रभाव सृजित करने की क्षमता है। 

बताया जाता है कि राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर विभिन्न तरह के नवोन्मेषण समारोह आयोजित होंगे, जिनका आरंभिक लक्ष्य उद्यमशीलता का समारोह मनाना तथा नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रमुख स्टार्टअप्स, उद्यमियों, निवेशकों, इनक्यूबेटरों, वित्त पोषण करने वाले निकायों, बैंकों, नीति निर्माताओं आदि को एक मंच के तहत लाना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्वेश्य स्टार्टअप परितंत्रों के पोषण पर ज्ञान का आदान प्रदान करना, उद्यमशील परितंत्र क्षमताओं का विकास करना, स्टार्टअप निवेशों के लिए वैश्विक और घरेलू पूंजी जुटाना, नवोन्मेषण तथा उद्यमशीलता के लिए युवाओं को प्रोत्साहित और प्रेरित करना, स्टार्टअप्स को बाजार पहुंच का अवसर उपलब्ध कराना तथा भारत के उच्च गुणवत्तापूर्ण, उच्च प्रौद्योगिकी वाली एवं मितव्ययी नवोन्मेषणों को प्रदर्शित करना भी है।

इसके अलावा, राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों तथा भारत सरकार के विभिन्न विभागों की भागीदारी के साथ घोषित हुए राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के अवसर पर चलने वाले कार्यक्रम में अंतःपारस्परिक सत्रों, कार्यशालाओं तथा स्टार्टअप्स को अकादमिक एवं संरक्षण सहायता, स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन तथा तेजीकरण के लिए सहायता, स्टार्टअप्स को कंपनियों तथा सरकार के माध्यम से बाजार पहुंच की सहायता तथा वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए वित्त पोषण तथा अंतरराष्ट्रीय अवसरों के रूप में सहायता जैसी थीमों पर प्रस्तुतियों के जरिये स्टार्टअप परितंत्र के प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पहचानी गई विषय वस्तुओं के आधार पर एक्सपेरिएंस बूथ, पिचिंग और रिवर्स पिचिंग सत्रों तथा नवोन्मेषण प्रदर्शनियों जैसे समानांतर कार्यकलापों का भी आयोजन किया जा सकता है।

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राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर आयोजित होने वाले निकट भविष्य के समारोहों में स्टार्टअप्स के साथ मार्गदर्शकों की पारस्परिक बातचीत, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार की घोषणा, दूरदर्शन या टीवी शो स्टार्टअप चैम्पियंस पर आधारित शो की लांचिंग, देशी और वैश्विक निवेशकों के साथ गोलमेज बैठक तथा घरेलू फंड पर पारस्परिक विमर्श, डिजिटल कॉमर्स व डिजिटल स्ट्रेटजी के लिए ओपेन नेटवर्क की लांचिंग, विभिन्न केंद्रीय विभागों के अलावा शिक्षा मंत्रालय, नीति आयोग, पीएसए, डीबीटी, डीएसटी, एमईआईटीवाई, रक्षा मंत्रालय तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालयों आदि की भागीदारी से नवाचारों को प्रोत्साहन और देश भर के स्टार्टअप्स के लिए कॉरपोरेट कनेक्ट प्रोग्राम चलाये जा सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, सह-सृजन के माध्यम से व्यवसायों का रूपांतरण करना, नवोन्मेषण, मानव मूल्य तथा संवहनीयता, उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में नवोन्मेषण प्रचलनों एवं उनके हितधारकों, नवोन्मेषण, मानव मूल्य तथा संवहनीयता एवं उच्चतर शैक्षणिक संस्थान में सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषण एवं स्टार्ट अप प्रचलन, नवोन्मेषण परिदृश्य के प्रमुख हितधारक, स्टार्टअप्स तथा छात्र उद्यमियों के लिए शिक्षा क्षेत्र एवं मेंटरशिप सहायता, महान उद्यमों का निर्माण करने के लिए ग्रे हेयर अनिवार्य नहीं और स्कूल, नवोन्मेषण, खेल तथा पाठ्यक्रम जैसे दिलचस्प विषयों को प्रोत्साहन, वैश्विक वेंचर कैपिटल गोलमेज, भारतीय इनक्यूबेटर परिदृश्य और इनक्यूबेटर क्षमता निर्माण, स्टार्ट अप पिचिंग तथा वित्तपोषण के अवसरों, बैंकों द्वारा वित्त पोषण सहायता, सरकारी बाजार पहुंच पर कई कार्यशालाओं के आयोजन, फिशरीज स्टार्ट अप ग्रैंड चैलेंज, राज्यों द्वारा बाजार पहुंच, इनक्यूबेशन और वित्त पोषण में सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों पर ज्ञान को साझा करने वाले सत्र, ओपेन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) आधारित डिजिटल स्ट्रेटजी, महिला उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित करती पैनल चर्चाएं, स्टार्टअप पिचिंग सत्र, विस्तार रणनीतियों पर कार्यशाला एवं वैश्विक बाजार में प्रवेश करने वाली रणनीतियों तथा प्रौद्योगिकी वाणिज्यिकरण को रेखांकित करते फायरसाइड चैट शामिल किये जा सकते हैं। 

इसके अलावा, स्टार्टअप्स को जड़ों से विकसित होना, डीएनए से आगे बढ़ना, स्थानीय से वैश्विक (फ्राम लोकल टू वोकल), प्रौद्योगिकी का भविष्य, विनिर्माण में चैंपियन का निर्माण करना और टिकाऊ विकास जैसी थीमों पर आधारित कार्य समूहों से पारस्परिक बातचीत, किस प्रकार स्टार्टअप देश में नवोन्मेषण को प्रेरित करते हुए राष्ट्रीय आवश्यकताओं में योगदान दे सकती हैं तथा किस प्रकार सरकारें ऐसा करने में सक्षम बनाने में उनकी सहायता कर सकती हैं, इस पर पारस्परिक विमर्श, असाधारण स्टार्टअप्स तथा परितंत्र सक्षमकर्ताओं, जो रोजगार सृजन, संपदा सृजन तथा सामाजिक प्रभाव की उच्च क्षमता के साथ आगे बढ़ने वाले उद्यमों का निर्माण कर रहे हैं, को प्रोत्साहन, स्टार्टअप्स के लिए कॉरपोरेट कनेक्ट, स्टार्टअप्स तथा स्मार्ट सिटी मिशन के बीच सहयोग के माध्यम से सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना एवं शहरी नवोन्मेषण एवं परिमाण को प्रेरित करने के लिए कतिपय विशेष कार्यक्रम या अभियान चलाए जा सकते हैं।

कहना न होगा कि राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के आयोजन से नवोन्मेषण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश भर में उद्यमिता को विस्तार व गहराई को प्रदर्शित करने का एक अनोखा मौका मिलेगा। इससे ऐसे स्टार्टअप के स्वप्नद्रष्टा भी प्रोत्साहित होंगे। उनमें एक नए उमंग और जोश का संचार होगा, जिससे देर सबेर यह राष्ट्र ही लाभान्वित होगा।

पीएम के साथ हुई एक मीटिंग में कृषि, हेल्थ, स्पेस, उद्योग 4.0, सुरक्षा, फिनटेक आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप ने भाग लिया, जिसमें 150 से ज्यादा स्टार्टअप को छह वर्किंग ग्रुप में बांटा गया। जिनमें ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की तकनीक, निर्माण में चैंपियन बनाना और सतत विकास आदि शामिल हैं। इनसे हुई बातचीत का उद्देश्य यह समझना था कि देश में इनोवेशन पर जोर देकर स्टार्टअप किस तरह राष्ट्रीय जरूरतों के प्रति अपना योगदान दे सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत में चल रहे इनोवेशन कैंपेन ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में देश की रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है। 2015 में भारत इस रैंकिंग में 81वें नंबर पर था, जो आज इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है। यह मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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