सिंधिया को लेकर रोमानिया के मेयर ने कहा- नहीं पता था वह मिनिस्टर है, लेकिन मुझे मालूम भी होता तो भी मेरा रवैया वही होता

उन्होंने कहा यह घटना शेल्टर होम की थी, जिसे मैंने गेरमेन्सटी गांव में मिहाई एमिनेस्कु जिम्नेजियम स्कूल में भारतीय छात्रों के लिए कुछ घंटों में शेल्टर होम स्थापित किया गया था।
यूक्रेन में फंसे बच्चों को निकालने के लिए बीते दिनों रोमानिया पहुंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और रोमानिया के स्नैगोव की मेयर एंजेल मिहाई का एक बहस का वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में दोनों के बीच गर्मा गर्मी दिखी थी। हालांकि सिंधिया बातचीत के दौरान रोमानिया प्रशासन की ओर से भारतीय छात्रों को लेकर की गई मदद के लिए शुक्रिया कहा था। अब इस पूरे प्रकरण को लेकर एक अखबार ने मेयर एंजेल मिहाई का साक्षात्कार लिया है।
मेयर एंजेल ने यूक्रेन से रोमानिया पहुंचे भारतीय छात्रों को शेल्टर में ठहराया और बुनियादी सुविधाएं दी। उन्होंने कहा मुझे पता नहीं था कि वह इंडिया के मिनिस्टर थे। लेकिन यदि पता होता तो भी मेरा व्यवहार ऐसा ही होता। मुझे लगता है कि शायद वे पीआर मैनेजमेंट कर रहे थे। मैं इस चर्चा को सार्वजनिक नहीं करना चाहता लेकिन बच्चों ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया।
सवाल- यह घटना कहां हुई थी, इस वीडियो में सिंधिया के साथ बहस करते दिख रहे शख्स क्या आप ही हैं?
उन्होंने कहा यह घटना शेल्टर होम की थी, जिसे मैंने गेरमेन्सटी गांव में मिहाई एमिनेस्कु जिम्नेजियम स्कूल में भारतीय छात्रों के लिए कुछ घंटों में शेल्टर होम स्थापित किया गया था।
सवाल- ऐसा क्या हो गया था कि आपको कहना पड़ा कि मैं इन भारतीय बच्चों को खाना खिला रहा हूं
जवाब देते हुए उन्होंने कहा असल में बच्चों की एकमात्र यह जानने की दिलचस्पी थी कि वे भारत कब जाने वाले हैं। जबकि सिंधिया उनसे अपने एजेंडे के मुताबिक पीआर मैनेजमेंट के तहत दूसरी बातें कर रहे थे। लेकिन इस टॉपिक को छुआ तक नहीं। छात्र और मेरे लिए यह तनावपूर्ण हालात थे, क्योंकि मैं उनके इस सवाल का कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहा था।
सवाल- कैसे हुआ यह सब?
उन्होंने कहा मैंने परिचय दिया लेकिन उन्होंने नहीं बताया कि वह कौन हैं। वे आनन-फानन में गद्दे पर बैठे छात्रों से बात करने लगे। वे यह नहीं बता रहे कि बच्चे घर कब जाएंगे। उन्होंने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया।
सवाल- क्या आप छात्रों को बहका रहे थे?
उन्होंने कहा मैं छात्रों को बहकाना नहीं चाहता था, जैसा कि कुछ भारतीय सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं, बल्कि मैं तो चाहता था कि वे शांत रहें। मुझे पता नहीं था कि वे मंत्री हैं। लेकिन पता भी होता तो मेरा रवैया वही होता। मेरे परिचय देने के बावजूद उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा तो मैंने भी उन्हें उसी स्वर में जवाब दिया।
सवाल-भारतीय छात्रों और सिंधिया के बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे
उन्होंने कहा जो हुआ वह इसलिए हुआ क्योंकि मैं मदद करना चाहता था। मैं सिंधिया को नमस्कार करता हूं और जिन लोगों ने मुझे बुरा लिखा है, उनका भी सम्मान करता हूं।
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